- बिजली और वन विभाग की लापरवाही ने ली जान
रायगढ़, 26 अक्टूबर 2024: शुक्रवार की रात करंट की चपेट में आने से तीन हाथियों की दुखद मृत्यु हो गई, जिसमें दो वयस्क और एक शावक शामिल हैं। यह घटना तमनार रेंज के बकचबा बीट में स्थित एक स्थायी रोपणी में हुई, जहां विद्युत तार काफी नीचे लटक रहे थे। शनिवार सुबह जब वन विभाग के कर्मचारियों ने शव बरामद किए, तो उन्हें 11 केवी के तार की चपेट में आने का पता चला। हादसे के बाद तात्कालिक सूचना मिलने पर डीएफओ और अन्य वनकर्मी मौके पर पहुंचे। प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हुआ कि करंट की वजह से आस-पास की घास भी जल गई थी।
तमनार रेंज के सामारूमा जंगल में हाथियों का आवागमन अक्सर होता है, जो इस दुर्घटना का मुख्य कारण बना। छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण समिति के ब्लॉक अध्यक्ष, सोमदेव मिश्रा ने बिजली विभाग की लापरवाही पर सवाल उठाते हुए कहा कि करंट प्रवाहित तार बहुत नीचे झूल रहा था। उन्होंने बताया कि घरघोड़ा रेंज में हाथियों का एक बड़ा दल मौजूद है, जिससे हाथियों का करंट की चपेट में आना संभव हुआ।
डीएफओ स्टाईलो मंडावी ने इस घटना पर टिप्पणी करते हुए कहा कि हाथियों की मौजूदगी के मद्देनजर प्रभावित क्षेत्रों में मुनादी कराई जा रही थी, ताकि कोई जनहानि न हो। इसके बावजूद तीन हाथी करंट की चपेट में आ गए। उन्होंने आगे कहा कि मामले की जांच जारी है।
जिले में हाथियों की संख्या अब 158 तक पहुंच गई है। घरघोड़ा रेंज में 78 हाथियों का दल है, जबकि अमलीडीह क्षेत्र में 48 और कमतरा इलाके में 30 हाथी देखे गए हैं। ऐसे में, रात होते ही हाथी जंगल से निकलकर किसानों के खेतों तक पहुंच रहे हैं, जो एक नई चिंता का विषय बन गया है।
यह घटना न केवल वन विभाग की जिम्मेदारी अभी तो बिजली विभाग के लापरवाही पर सवाल उठाती है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी एक गंभीर चेतावनी है। कुल मिलाकर यह कहा जाए कि आज तीन बेजुबान हाथियों की जान जिम्मेदार इंसानों की लापरवाही के कारण चली गई।