रायगढ़। जिले में संपूर्ण रूप से ओवरलोड बंदी और रात में शहर के मध्य जिला कलेक्टर कार्यालय के सामने से अवैध रूप से गाड़ियों के परिवहन पर रोक लगाने के लिए रायगढ़ टेलर यूनियन लामबंद हो गया है। ऐसे में जिला एवं पुलिस प्रशासन से लगाई गुहार लगाते हुए जिला टेलर मालिक कल्याण संघ ने ओवरलोड परिवहन और ओवरलोड देने वाले सभी प्रकार के छोटे-बड़े उद्योगों पर भी कड़ी कार्यवाही की पुरजोर वकालत की है।
जिला टेलर मलिक कल्याण संघ के सदस्यों ने रायगढ़ एसडीएम प्रवीण तिवारी को ज्ञापन देते हुए ध्यानाकर्षण कराया। ज्ञात हो कि जिलाधिकारी और मंत्री के द्वारा 2 माह पूर्व जिले मे सम्पूर्ण ओवरलोड बन्द करने का आदेश पारित किया गया था, जिसका रायगढ़ जिला ट्रेलर मालिक कल्याण संघ के साथ जिले के प्रबुद्ध नागरिक और मीडिया ने खुले दिल से स्वागत भी किया था, परन्तु बड़े ही निराशा और दुखी मन से आपको यह लिखना पड़ रहा है की शासन – प्रशाशन के आदेश का कुछ उद्योग खुलेआम धज्जिया उड़ाते हुये कम परिवहन मूल्य पर ओवरलोड परिवहन करवा रहे है। और तो और इसमे संबंधित विभाग आँख मूंदकर अवैध वसूली करते हुये ऐसे उद्योग और ट्रांसपोर्टर्स का खुलेआम सहयोग कर रहा है। लिहाजा, रायगढ़ जिला ट्रेलर मालिक कल्याण संघ के सदस्य आज के बाद किसी भी तरह के ओवरलोड परिवहन का खुलेआम विरोध करते हुये परिवहन विभाग के नियमानुसार पासिंग क्षमता के साथ परिवहन करने हेतु बचनबद्ध है। साथ ही यह अनुरोध भी है कि ओवरलोड देने और लेने वाले उद्योग के साथ परिवहन करने वाले गाड़ी मालिक के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही करने का अभियान चलाया जाये।
रायगढ़ के चारों ओर स्थित क्रशर, बड़े और छोटे सभी उद्योग जो गाड़ियों पर ओवरलोड देते हैं, उनके ऊपर भी कार्यवाही करने की आवश्यकता है क्योंकि ओवरलोड की अधिकतर वही गाड़ी पकड़ाती है जिसकी किसी से कहीं कोई सेटिंग नहीं होती। इस परिस्थिति में केवल गाड़ी मालिक ही परेशान होता है और ओवरलोड देने वाला बच जाता है। जबकि आज रायगढ़ में छोटे उद्योग से लेकर बड़े उद्योग तक अपना रॉ-मटेरियल ओवरलोड मंगा रहे हैं और अपना मटेरियल रायगढ़ जिले के अंदर एवं रायगढ़ जिले से बाहर भी ओवरलोड में भेज रहे हैं। यदि इसकी शत-प्रतिशत उनके उद्योगों के नापतौल कांटे पर पहुंच कर जांच की जाए तो सच्चाई सामने आ जाएगी। ओवरलोड पर किसी भी उद्योगों और एवं ओवरलोड गाड़ी मालिक पर भी कार्रवाई न होने से अंडरलोड गाड़ी वालों का परिवहन दर कम होते जा रहे हैं।
रायगढ़ जिला टेलर मालिक कल्याण संघ ने प्रशासन से निवेदन किया है कि अंचल में एक बार चारों दिशाओं में कड़ाई से ओवरलोड गाड़ियों के खिलाफ कार्यवाही एवं उद्योग परिसर में लगे नापतोल कांटे की जांच करवाते हुए संपूर्ण रूप से ओवरलोड बंद करवाया जाए जिससे अंडरलोड परिवहन करने के लिए सभी को बाध्य होना पड़ेगा और परिवहन की दर में भी सुधार आएगा। रोजाना हो रहे दुर्घटना एवं सड़कों की दुर्दशा भी आज किसी से छिपी हुई नहीं है। यदि आपके मार्गदर्शन में यातायात पुलिस, आरटीओ विभाग, उद्योग क्षेत्र में पढ़ने वाले सभी थाना, खनिज विभाग ईमानदारी से कार्रवाई करते हुए बिना किसी पक्षपात के ओवरलोड गाड़ियों पर कार्रवाई करेगा तो निश्चित ही ओवरलोड गाड़ियां बंद होगी और इससे सभी का भला होगा।
वहीं दूसरे ज्ञापन में उन्होंने कलेक्टर से निवेदन करते हुए लिखा है कि गोवर्धनपुर पुलिया के क्षतिग्रस्त हो जाने से गाड़ियों के परिवहन का कार्य पूरी तरह से अस्त व्यस्त हो गया है। प्रशासन द्वारा जो मार्ग परिवहन के लिये उपलब्ध कराया गया है (रायगढ़ – पूंजीपथरा – तमनार – टपरिया – पालीघाट ) उसकी दूरी इतनी ज्यादा है कि वर्तमान भाड़ा मे इस रूट पर परिवहन सम्भव नहीं है, लिहाजा अभी सभी गाड़ी अवैध रूप से रात्रि 11 बजे के बाद शहर के मध्य जूटमिल थाने के सामने से होते हुए चक्रधर नगर थाना के सामने कलेक्टर कार्यालय के मुख्य मार्ग से गुजर रही है, जिसमें बाहरी प्रदेश ओड़िशा की वाहनें मुख्य रूप से देखी गई है, जिसे चालान काटकर और कुछ सुविधा शुल्क लेकर विभाग के कारिंदों द्वारा ही चलवाया जा रहा है। ऐसे में लोकल गाड़ी मालिकों में आक्रोश व्याप्त है। रायगढ़ जिला टेलर मलिक कल्याण संघ इस बात का पूर्ण रूप से विरोध करते हुए निवेदन करता है कि तत्काल इस कार्य पर या तो रोक लगाई जाए या सभी गाड़ी का परिचालन हेतु इस रोड को रात्रि 11 से सुबह 4 बजे तक खोल दिया जाये। वहीं किसी भी दुर्घटना की रोकथाम के लिये सभी संबंधित उद्योग और यूनियन की तरफ से स्टाफ लगाकर गति सीमा मे गाड़ी चलाया जाये। विशेष कर जूटमिल और चक्रधर नगर के थाना प्रभारी एवं समस्त स्टाफ को मार्गदर्शन दिया जाए कि शहर के अंदर से एक भी गाड़ी अवैध ढंग से प्रवेश न करें। आपसे आग्रह है कि हमारे पत्र पर तत्काल कार्रवाई करते हुए आज से शहर के अंदर से गाड़ियों का अवैध परिवहन बंद किया जाए या सभी गाड़ी को समान रूप से परिचालन की इजाजत दी जाये। उन्होंने ज्ञापन की प्रतिलिपि प्रधानमंत्री कार्यालय, मुख्यमंत्री, वित्तमंत्री, मुख्य सचिव छत्तीसगढ़ शासन को भी जानकारी एवं उचित कार्यवाही के लिए प्रेषित की है।