माता वैष्णोदेवी (उल्दा) में निकाली गई कलश यात्रा

खरसिया। धार्मिक नगरी खरसिया से लगभग 12 किलोमीटर की दूरी पर, राष्ट्रीय राजमार्ग क्र. 49, खरसिया सक्ती मुख्य मार्ग पर विराजित हैं माता वैष्णोदेवी। आसपास के क्षेत्रों में उल्दा की ख्याति माता वैष्णोदेवी मंदिर के नाम से है, जहॉं चैत्र व क्वांर नवरात्रि में माताजी के नाम पर पूरे नौ दिनों तक विशाल भंडारे का आयोजन किया जाता है। मॉं वैष्णोदेवी मंदिर की ख्याति इसकी प्राकृतिक सौंदर्य, शांत वातावरण व झरना पहाड़ को लेकर है। मान्यता है कि माताजी के मंदिर में जो भी मुरादें मांगी जाती हैं वे अवश्य ही पूरी होती हैं।

नवरात्रि अष्टमी को माता वैष्णोदेवी मंदिर में माताओं-बहनों द्वारा भव्य कलश यात्रा निकाला गया जिसमें समस्त ग्रामवासी व आसपास के लोग सम्मिलित हुए। माता के भक्ति में रमकर स्थानीय ग्राम पतरापाली निवासी प्रधानपाठक पुरूषोत्तम प्रसाद गुप्ता ने अपनी सुमधुर आवाज से ‘झरिया पहार के…’ ऑडियो गीत रिलीज किया था जिसकी शूटिंग भी अष्टमी को की गई। यूट्यूब चैनल पर ‘झरिया पहार के…’ एलबम को शारदीय नवरात्र के प्रथम दिन माता शैलपुत्री जी के आगमन पर संध्या आरती के पश्चात रिलीज़ किया गया था। नवरात्रि के भक्तिमय वातावरण में मंदिर परिसर में रिलीज़ गीत पहाड़ावाली माता वैष्णोदेवी के गीत की शूटिंग की गई।

उक्त ऑडियो एलबम को ग्राम पंचायत पतरापाली के निवासी पुरुषोत्तम प्रसाद गुप्ता जी स्वर व संगीत दिया है, जो कि छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग जिला रायगढ़ के जिला समन्वयक और काव्य कलश कला एवं साहित्य मंच खरसिया के संस्थापक हैं। वहीं गीत को श्रीमती प्रियंका गुप्ता ‘प्रिया’ ने अपनी लेखनी से सुंदर शब्दों से सजाया है, जो छत्तीसगढ़ की सुप्रसिद्ध कवयित्री तथा काव्य कलश कला एवं साहित्य मंच खरसिया की अध्यक्ष हैं। उक्त ऑडियो एलबम को सुमधुर बनाने में रायपुर निवासी छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध गीतकार रमेश विश्वहार जी का विशेष मार्गदर्शन रहा।

‘झरिया पहार के…’ एलबम रिलीज़ के अवसर पर ग्राम पंचायत पतरापाली के सरपंच छेदीलाल राठिया, सचिव रविशंकर जायसवाल, बाबूजी जानकी प्रसाद गुप्ता, पुरोहित परमेश्वर मिश्रा, धनश्याम जायसवाल, हरिशंकर यादव, गांधी जायसवाल, युवा साहित्यकार राकेश नारायण बंजारे (उपाध्यक्ष, कलश कला एवं साहित्य मंच खरसिया), रोहित पटैल, दुर्गा पटैल, शिव जायसवाल, पत्रकार जयप्रकाश डनसेना, अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन से अनीस और एलिस तथा भारी संख्या में ग्रामीणजनों की उपस्थिति रही।