- छर्राटांगर से सांसद रायगढ़ राधेश्याम राठिया कार्यक्रम में हुए शामिल
- 32 करोड़ से 14 एकड़ में तैयार हुआ है सर्व सुविधायुक्त कैंपस, 420 छात्राएं कर सकेंगी पढ़ाई
रायगढ़, 2 अक्टूबर 2024/ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज रायगढ़ जिले के घरघोड़ा विकासखंड के ग्राम छर्राटांगर में 32 करोड़ की लागत से नवनिर्मित एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय का वर्चुअल लोकार्पण किया। सांसद रायगढ़ राधेश्याम राठिया कार्यक्रम में छर्राटांगर से शामिल हुए।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस मौके पर कहा कि आदिवासी समाज के बच्चों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा मुहैय्या कराने के उद्देश्य से पूरे देश में एकलव्य संस्थान संचालित किए जा रहे हैं। सर्वसुविधायुक्त ये संस्थान आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में शिक्षा के स्तर को मजबूत करने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज के कल्याण और उत्थान से जुड़ी योजनाएं जो लगातार लागू की जा रही हैं यह प्रमाण है कि आदिवासी समुदाय को विकास के पथ पर निरंतर अग्रसर करना हमारी प्राथमिकता है। पीएम जनमन योजना से देश की विशेष पिछड़ी जनजाति समुदायों को शासन की विभिन्न योजनाओं से समाज की मुख्य धारा में जोडऩे के लिए काम कर रहे हैं। वहीं आज धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान से देश के जनजाति समुदाय शासन की योजनाओं से जुड़कर उनका लाभ लें यह सुनिश्चित किया जाएगा।
सांसद राधेश्याम राठिया ने इस अवसर पर कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जनजातीय समुदाय के विकास के लिए निरंतर कार्य हो रहे हैं। आदिवासी बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले इसके लिए एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय का लोकार्पण आज किया गया है। इससे जिले के बच्चे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा अर्जित कर सकेंगे। यहां उनके पढ़ाई-लिखाई और रहने-खाने से जुड़े सारे इंतजाम नि:शुल्क होगा। उन्होंने सभी पालकों से कहा कि अपने बच्चों को अच्छे से पढ़ाएं। शिक्षा ही उज्ज्वल भविष्य का आधार है।
कार्यक्रम में कलेक्टर कार्तिकेया गोयल, पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल, डिप्टी कलेक्टर व प्रभारी सहायक आयुक्त महेश शर्मा, एसडीएम घरघोड़ा रमेश मोर, जिला पंचायत सदस्य संतोष राठिया, जनपद पंचायत अध्यक्ष सोहद्रा राठिया, जनपद पंचायत सदस्य श्रीकांत राठिया, सरपंच गायत्री राठिया, नरेश पण्डा, गिरधर गुप्ता, राजेन्द्र ठाकुर, सुनील ठाकुर, कन्हैया राठिया, जगतराम भोय, नरेश बेहरा, श्याम लाल मांझी सहित ग्रामवासी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
स्वच्छता ही सेवा की ली गई शपथ, पीएम आवास स्वीकृति पत्र सौंपे गए
कार्यक्रम में सांसद राधेश्याम राठिया ने उपस्थित जनों को स्वच्छता ही सेवा की शपथ दिलाई। जिसमें सभी को अपने आस-पास स्वच्छता रखने, सफाई के लिए श्रमदान करने और दूसरों को प्रेरित करने की शपथ दिलाई गई। इसके साथ ही ग्राम पंचायत छर्राटांगर में पीएम आवास स्वीकृति पत्र भी प्रदान किए गए। जिसमें हितग्राही मसतराम, गुरूवारी राठिया, लक्ष्मीन बाई यादव को यह स्वीकृति पत्र प्रदान किया गया। इसके साथ ही पीडब्लयूएल स्वीकृति पत्र भी हितग्राही संतोषी बाई, निर्मला राठिया, प्रेमबाई राठिया को प्रदान किया गया। स्वच्छता ही सेवा अंतर्गत उत्कृष्ट कार्य करने वालों को सम्मानित किया गया। आंचल स्व-सहायता समूह कोटरीमाल, गौरी रानी स्व-सहायता समूह बरौनाकुंडा, सरस्वती स्व-सहायता समूह घरघोड़ी एवं सीता स्व-सहायता समूह छर्राटांगर को प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया।
32 करोड़ से 14 एकड़ में तैयार हुआ है सर्व सुविधायुक्त कैंपस, 420 छात्राएं कर सकेंगी पढ़ाई
छर्राटांगर एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय 420 सीटर होगा। यहां कक्षा 6 वीं से 12 वीं तक कक्षाएं संचालित होंगी। इसके लिए 32 करोड़ की लागत से 14 एकड़ में सर्व सुविधायुक्त कैंपस तैयार किया गया है। यह विद्यालय बालिकाओं के लिए है। यहां स्कूल बिल्डिंग के साथ हॉस्टल, किचन मेस के साथ खेल मैदान तैयार किया गया है। इस विद्यालय में अंग्रेजी मीडियम में पढ़ाई होगी। यह विद्यालय अभी व्यवस्था में खरसिया के चोढ़ा में संचालित है, जिसे अब नए भवन में शिफ्ट कर लिया जाएगा।
सीबीएसई बोर्ड से अंग्रेजी मीडियम में नि:शुल्क पढ़ाई का मिलता है लाभ, चयन परीक्षा से होता है प्रवेश
एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय भारत सरकार, जनजातीय कार्य मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा प्रवर्तित एवं शत-प्रतिशत सहायता प्राप्त होते है। वर्तमान में केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, (सीबीएसई) से सम्बद्ध उक्त आवासीय विद्यालयों में प्रदेश के अनुसूचित जनजाति वर्ग के बालक/बालिकाओं हेतु कक्षा 6वीं से 12वीं तक अंग्रेजी माध्यम से नि:शुल्क अध्ययन की सुविधा है। इन विद्यालयों में प्रवेश हेतु एक चयन परीक्षा का आयोजन कर मैरिट सूची तैयार की जाती हैं, जिसके आधार पर विद्यार्थियों को प्रवेश दिया जाता है। एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय संचालन का उद्देश्य अनुसूचित जनजाति के बालक एवं बालिकाओं के लिए आवासीय शिक्षण संस्थाएँ संचालित करने के साथ इन संस्थाओं में अध्यनरत बालक एवं बालिकाओं के शैक्षणिक, मानसिक, शारीरिक तथा सांस्कृतिक एवं नैतिक विकास की गतिविधियां को बढ़ावा देना है। विद्यार्थियों में प्रतिस्पर्धा की भावना जागृत कर प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त करने हेतु सक्षम बनाना है।