ISRO EOS-08 Launching: भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो अंतरिक्ष के क्षेत्र में एक के बाद एक उपलब्धि हासिल कर रही है. शुक्रवार (16 अगस्त) को इसरो ने एक और इतिहास रच दिया. दरअसल, इसरो ने शुक्रवार सुबह करीब सवा नौ बजे एसएसएलवी-डी3 रॉकेट के जरिए ईओएस-08 उपग्रह की सफल लॉन्चिंग की. इस सैटेलाइट को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया.
बता दें कि SSLV-D3 की ये तीसरी सफल उड़ान है. इसको का एसएसएलवी-डी3 अपने साथ एक छोटे सैटेलाइट SR-0 DEMOSAT पैसेंजर को भी अपने साथ लेकर गया है. ये दोनों उपग्रह धरती से 475 किमी की ऊंचाई में एक गोलाकार ऑर्बिटर में स्थापित होकर परिक्रमा कर जानकारियां जुटाकर इसरो को भेजेंगे.
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पर्यावरण निगरानी और आपदा प्रबंधन में मिलेगी मदद
इसरो का EOS-8 (अर्थ ऑब्जरवेशन सैटेलाइट) भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी को पर्यावरण की निगरानी के अलावा आपदा प्रबंधन और तकनीकी डेमॉन्स्ट्रेशन के बारे में जानकारियां उपलब्ध कराएगा. 175.5 किलोग्राम के इस सैटेलाइट में कुल तीन स्टेट ऑफ द आर्ट पेलोड लगाए गए हैं. इसमें लगाए गए पेलोड में इलेक्ट्रो ऑप्टिकल इंफ्रारेड, ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम रिफ्लेक्टोमेट्री और सिक यूवी डोजीमीटर पेलोड शामिल हैं. EOIR पेलोड का काम 24 घंटे मिड और लॉन्ग वेव की इंफ्रारेड तस्वीरें खींचना है. जिन्हें वह इसरो को भेजेगा.
#WATCH | ISRO (Indian Space Research Organisation) launches the third and final developmental flight of SSLV-D3/EOS-08 mission, from the Satish Dhawan Space Centre in Sriharikota, Andhra Pradesh.
(Video: ISRO/YouTube) pic.twitter.com/rV3tr9xj5F— ANI (@ANI) August 16, 2024
प्राकृतिक आपदा के बारे में मिलेगी जानकारी
ईओआईआर पेलोड की तस्वीरों के माध्यम से आपदा के बारे में पता लगाया जा सकेगा. जो जंगल की आग और ज्वालामुखी जैसी घटनाओं के बारे में होंगी. वहीं जीएनएसएस-आर पेलोड समुद्री सतह पर हवा का विश्लेषण करने का काम करेगा. इसके अलावा ये मिट्टी की नमी और बाढ़ के बारे में भी जानकारी उपलब्ध कराएगा. जबकि सिक यूवी (SiC UV) डोजीमीटर पेलोड के अल्ट्रावायलेट रेडिएशन की जांच करेगा. यही नहीं इससे गगनयान मिशन में भी काफी मदद मिलेगी.
ISRO (Indian Space Research Organisation) launches the third and final developmental flight of SSLV-D3/EOS-08 mission, from the Satish Dhawan Space Centre in Sriharikota, Andhra Pradesh.
(Pic: ISRO/YouTube) pic.twitter.com/13idF2GfKW— ANI (@ANI) August 16, 2024
पृथ्वी की निचली कक्षा में भ्रमण करेगा EOS-8
भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो का EOS-8 उपग्रह धरती की ऊपर निचली कक्षा में भ्रमण करेगा. जो धरती से 475 किमी की ऊंचाई पर है. जहां से वह अलग-अलग जानकारियां इकट्टी कर इसरो को भेजेगा. इस उपग्रह में इंटीग्रेटेड एवियोनिक्स सिस्टम- जिसमें कम्यूनिकेशन, बेसबैंड, स्टोरेज और पोजिशनिंग पैकेज को शामिल किया गया है. ये सभी एक यूनिट की तरह ही काम करेंगी. इसमें 400 जीबी डेटा स्टोर करने की क्षमता है.
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