PM Modi Speech: ‘मणिपुर हिंसा से लेकर सर्जिकल स्ट्राइक और परिवारवाद तक’, पढे़ं पीएम मोदी के संबोधन की 10 बड़ी बातें

स्वतंत्रता दिवस के अवसर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर पर ध्वजारोहण किया. इसके बाद उन्होंने देश को संबोधित किया. उन्होंने देशवासियों को शुभकामनाएं भी दीं. पीएम मोदी ने अपने भाषण में सर्जिकल स्ट्राइक, आपदा और रिफॉर्म्स पर बात की. आइये जानते हैं पीएम मोदी के भाषण की 10 बड़ी बातें…

परिवारवाद ने देश को नोच लिया

पीएम मोदी ने लाल किले की प्रचीर से परिवारवाद पर निशाना साधा. उन्होंने भाषण में सरकार की उपलब्धियों का बखान किया और भविष्य के रोडमैप की भी जानकारी दी. उन्होंने इतिहास का जिक्र करते हुए देशवासियों को भविष्य के लिए आगाह किया. उन्होंने भ्रष्टाचार, परिवारवाद सहित अन्य मुद्दों पर बिना नाम लिए विपक्षी दलों पर निशाना साधा. पीएम मोदी का कहना है कि दीमत की तरह भ्रष्टाचार ने देश को नोंच लिया है. पीएम मोदी ने भरोसा दिलाया कि वे भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ते रहेंगे.

परिवारवाद पर कड़ा निशाना

पीएम मोदी ने परिवारवाद पर निशाना साधा और कहा कि जिस प्रकार से परिवारवाद ने देश को जकड़ा है. उससे लोगों का हक छिना है. परिवार वालों का मूल मंत्र है- फॉर द फैमिली, बाई द फैमिली और ऑफ द फैमिली. परिवारवाद की तीसरी बुराई तुष्टिकरण है, इससे देश का मूलभूत चिंतन प्रभावित हुआ है. हम लोगों को मिलकर इस बुराई से लड़ना है.

भाषण में आपदा प्रबंधन का जिक्र

पीएम मोदी ने कहा कि आपदा ने हम लोगों की चिंता बढ़ा दी है. आपदा में अनेकों लोगों ने अपने परिजनों और रिश्तेदारों को खोया है. लोगों ने अपनी संपत्ति गंवा दी है, देश को इन आपदाओं से बहुत नुकसान हुआ है. आपदा पीड़ितों के प्रति संवेदानएं दर्शाते हुए उन्होंने कहा कि देश संकट की घड़ी में आप लोगों के साथ खड़ा है.

आजादी से पहले हम बरसों तक गुलाम रहे

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में आगे कहा कि आजादी से पहले सैकड़ों वर्षों तक देश गुलाम रहा. 1857 के स्वतंत्रता संग्राम से पहले कई आदिवासी क्षेत्र थे, जहां आजादी के लिए लड़ा जाता था. 40 करोड़ भारतीयों ने भारत की आजादी का संकल्प लिया और उसे पूरा करके दिखाया. उन्होंने कहा कि अगर सिर्फ 40 करोड़ लोग आजादी हासिल कर सकते हैं तो 140 करोड़ मेरे परिजन अगर एक लक्षय ले लें तो हम 2047 तक अपने देश को समृद्ध बना सकते हैं.

विकसित भारत के लिए जीने का लक्ष्य

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प्रधानमंत्री ने कहा कि एक वक्त था कि जब देश पर मरने के लिए लोग कटिबद्ध थे. आज का वक्त देश के लिए जीने के लिए है. मरने की प्रतिबद्धता अगर आजादी दिला सकती है तो जीने की इच्छाशक्ति हमें समृद्ध भारत बना सकती है. विकसित भारत 2014 सिर्फ भाषण नहीं है. हम इसके लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं. हमने लोगों से इसके लिए सुझाव भी मांगे हैं.

लोगों ने दिए ढेर सारे सुझाव

पीएम मोदी ने कहा कि लोगों ने विकसित भारत के लक्ष्य के लिए कई सुझाव दिए. किसी ने स्टील कैपिटल, मन्यूफैक्चरिंग ग्लोबल यूनिवर्सिटी की चाह जताई. उन्होंने कहा कि हमें मोटे अनाज को दुनिया भर के डाइनिंग टेबल तक पहुंचाना है. किसी ने कहा कि हमें अब स्पेस स्टेशन बनाना चाहिए और अंतरिक्ष के क्षेत्र में मिसाल पेश करना चाहिए.

सेना दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देती है

पीएम मोदी ने कहा कि देश में तीन करोड़ परिवारों को नल से जल मिल रहा है. जल जीवन मिशन के तहत 18 करोड़ परिवारों को पानी मिल रहा है. हमने देश के वंचितों की प्राथमिक आवश्यकताओं को पूरा करने का काम किया. भारत अब बदल रहा है, पहले इसी देश में आतंकी आते थे और हमें मारकर भाग जाते थे पर अब हमारी सेना सर्जिकल स्ट्राइक करती है और देश के दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देते हैं. सेना की ताकत देख हमारा सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है.

हमने देश के नागरिकों का सपना पूरा किया

लाल किले से देश के प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर राजनीतिक नेतृत्व संकल्पित और आत्मविश्वासी हो तो सरकारी मशीनरी उसे पूरा करने में लग जाती है. हमने चला लेंगे वाली मानसिकता को तोड़ा है. हमने वह किया, जो देश के नागरिक चाहते थे. उनके सपनों को आज तक किसी ने भाव नहीं दिया पर हमने उनके सपनों को पूरा किया.

महिला अपराध पर भी की बात

प्रधानमंत्री ने कहा कि महिलाओं के प्रति होने वाले अपराध सहनीय नहीं है. इन अपराधों की तुरंत जांच होनी चाहिए. ऐसे राक्षसों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए. राक्षसी प्रावृत्ति के लोगों को मिलने वाली सजाएं बाहर आनी चाहिए, जिससे लोगों को पता चल जाए कि उनकी हरकतों का क्या हश्र हो सकता है.

मणिपुर हिंसा का भी किया जिक्र

पीएम मोदी ने संबोधन में मणिपुर हिंसा का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि मणिपुर में हिंसा हुई. कई लोगों की मौत हो गई. बेटियों की इज्जत के साथ खिलवाड़ हुआ. पूरा देश मणिपुर के साथ खड़ा है. अब वहां से शांति की खबर आ रही है. पूरा देश एक है, इस वजह से देश के किसी भी हिस्से में कुछ होता है तो हमें दुख होता है.