उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस को उनकी नई जिम्मेदारियां संभालने पर मेरी शुभकामनाएं। हम उम्मीद करते हैं कि जल्द ही सामान्य स्थिति बहाल हो जाएगी और हिंदुओं और अन्य सभी अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी। भारत शांति, सुरक्षा और विकास के लिए दोनों देशों के लोगों की साझा आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए बांग्लादेश के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध है।
शपथ ग्रहण समारोह के दौरान यूनुस ने कहा, मैं संविधान को कायम रखूंगा, उसका समर्थन करूंगा और उसकी रक्षा करूंगा। अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से निर्वहन करूंगा।
बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने ढाका स्थित राष्ट्रपति भवन में विदेशी राजनयिकों, नागरिक समाज के सदस्यों, शीर्ष व्यापारियों और विपक्षी पार्टी के सदस्यों की मौजूदगी में यूनुस को मुख्य सलाहकार के रूप में शपथ दिलाई, जो प्रधानमंत्री के समकक्ष है। इस अवसर पर हसीना की पार्टी का कोई प्रतिनिधि मौजूद नहीं था।
अंतरिम मंत्रिमंडल में 16 अन्य लोगों को शामिल किया गया है, इनमें मुख्य रूप से नागरिक समाज से सदस्य हैं। इसमें दो छात्र नेता भी शामिल हैं। यूनुस को अंतरिम नेता के रूप में इस सप्ताह छात्र नेताओं, नागरिक समाज के प्रतिनिधियों और सेना के बीच चर्चा के बाद चुना गया।
अब यूनुस के सामने बांग्लादेश में शांति बहाल करना और नए चुनावों की तैयारी करना बड़ी चुनौती है।
यूनुस एक सामाजिक उद्यमी और बैंकर हैं, जिन्हें उनके माइक्रो फाइनेंस कार्य के लिए 2006 का नोबेल शांति पुरस्कार मिला थाा। उनके कार्य की वजह से बांग्लादेश में गरीबी कम करने में मदद मिली और दुनिया भर में इसे व्यापक रूप से अपनाया गया।
बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता के मद्देनजर पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को पद छोड़ना पड़ा और वे अब भारत आ गई है।
ओलंपिक खेलों के लिए पेरिस में मौजूद यूनुस गुरुवार को दुबई के रास्ते अमीरात की फ्लाइट से स्वदेश लौटे। सेना प्रमुख जनरल वकर-उज-जमान, वरिष्ठ अधिकारियों, छात्र नेताओं और नागरिक समाज के सदस्यों ने एयरपोर्ट पर उनका स्वागत किया। ढाका के हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर अपने आगमन के बाद एक भावुक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यूनुस ने बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन को दूसरी आजादी बताया।
उन्होंने कहा, आज हमारे लिए गर्व का दिन है। हमें दूसरी बार आजादी मिली है। हमें इस आजादी की रक्षा करनी है।
उन्होंने हसीना के खिलाफ विरोध आंदोलन को सफल बनाने वाले युवाओं के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि वह सबसे पहले इस बात पर जोर देना चाहेंगे कि देश को हिंसा से बचाया जाए, ताकि हम उस रास्ते पर आगे बढ़ सकें, जो छात्रों ने हमें दिखाया है। बांग्लादेश एक परिवार है। हमें इसे एकजुट करना है। इसमें अपार संभावनाएं हैं।