खरसिया। राज्य शासन से प्राप्त 12 निर्देशों के आधार पर पालक शिक्षक मेगा बैठक का अयोजन किया मंगलवार को किया गया। यह बैठक 35 संकुलों में आयोजित की गई। इस मौके पर मेगा पीटीएम बैठक की मॉनिटरिंग में आये जिला मिशन समन्वयक एनके चौधरी ने कहा कि बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए पालकों के सकारात्मक सुझाव जरूरी होते हैं। यह सुझाव बच्चों को गुणवत्तायुक्त शिक्षा देने, बच्चों के बौद्धिक क्षमता बढ़ाने में सहायक होंगे।
जिला मिशन समन्वयक, समग्र शिक्षा रायगढ़ एनके चौधरी पालक-शिक्षक मेगा बैठक का निरीक्षण करने निकले थे। ऐसे में विकासखंड खरसिया के कुनकुनी, रॉबर्टसन, किरीतमाल, मुरा संकुलों में आयोजित पालक-शिक्षक मेगा बैठक में सम्मिलित हुए। राज्य शासन के निर्देशानुसार जिले के सभी प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक, हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों में पालकों के साथ बेहतर संवाद स्थापित करने और उन्हें बच्चों की प्रगति से अवगत कराने तथा बच्चों में भविष्य की सम्भावनाओं का आंकलन कर पालकों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए संयुक्त रूप से परिणामोन्मुखी प्रयास करने हेतु जिला मिशन समन्वयक के मार्गदर्शन में मंगलवार को विकास खण्ड के सभी 35 संकुलों में सुबह 11 बजे से दोपहर 02 बजे तक पालक-शिक्षक मेगा बैठक का आयोजन किया गया। निरीक्षण के अवसर पर विकासखण्ड स्त्रोत केंद्र समन्वयक प्रदीप कुमार साहू साथ में उपस्थित रहे।
पीटीएम के लिए अधिकारियों को दी गई थी जिम्मेदारी
संकुल स्तर पर आयोजित कार्यक्रम को सफलतापूर्वक सम्पादित करने हेतु जिला एवं अनुभाग स्तरीय सभी अधिकारियों को संकुल की मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी दी गई थी। जिला एवं विकास खण्ड स्तर के शिक्षा विभाग के अधिकारियों सहित अन्य विभागों के सभी अधिकारी कुल 35 संकुलों में मेगा पालक-शिक्षक बैठक में शामिल हुए। खरसिया अनुविभाग के सभी अधिकारियों को संबंधित संकुल केन्द्रों का निरीक्षण कर विकासखण्ड शिक्षाधिकारी कार्यालय में प्रतिवेदन जमा करने के निर्देश दिए गए थे, जिसके अनुरूप शिक्षा के क्षेत्र में यह समन्वित पहल सफलता पूर्वक पूर्ण की गई।
नई शिक्षा नीति और नवाचारी प्रयासों पर हुई चर्चा
इस पालक-शिक्षक मेगा बैठक में पालकों के साथ नई शिक्षा नीति 2020 के साथ ही नवाचारी प्रयासों पर गहन चर्चा की गई। जिसके तहत बच्चों की पढ़ाई के लिए उचित वातावरण हेतु घर में ही पढ़ाई हेतु एक निश्चित स्थान तय करने और पालकों को अपने बच्चों की दिनचर्या सुनिश्चित करने हेतु प्रेरित करने, बच्चों के सीखने की जानकारी लेने, बच्चों में सार्वजनिक रूप से अपने विचारों को व्यक्त करने तथा उनके संकोच को दूर करने की पहल, बच्चों की अकादिमक प्रगति एवं परीक्षा, पुस्तक की उपलब्धता सुनिश्चित करने, बस्ता रहित शनिवार की गतिविधियों के सम्बंध में अवगत करवाने, विद्यार्थियों के आयु एवं कक्षा अनुरूप परीक्षण एवं पोषण की जानकारी देने और जाति, आय एवं निवास प्रमाण पत्र आदि बनाने हेतु शिविर के बारे में अभिभावकों को अवगत कराने, न्योता भोज की अवधारणा की जानकारी देने, विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं सहित छात्रवृत्ति एवं विभागीय योजनाओं की जानकारी और विभिन्न डिजिटल प्लेटफार्म दीक्षा एप तथा ई-जादुई पिटारा एप के माध्यम से शिक्षा हेतु पालकों एवं छात्रों को अवगत कराने सम्बन्धी बिंदुओं पर विस्तृत चर्चा की गई।