- रायगढ़ के दो कोल कारोबारियों के बीच हिमगिर में गैंगवार कांड में कानून व्यवस्था पर उठाए सवाल
नंदेली। ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले के हिमगिर थाना क्षेत्र के गर्जनबहाल गांव में कोल वॉशरी विवाद को लेकर छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के दो कोल कारोबारी गुटों के बीच हुई गैंगवार कांड की घटना ने सभी को चौंका दिया है। इस घटना पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री एवं खरसिया विधायक उमेश पटेल ने भाजपा सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं।
उमेश पटेल ने कहा कि हिमगिर में हुए रायगढ़ के दो गुटों के बीच गैंगवार में देशी कट्टा व पिस्टल से फायरिंग व बम फेंके जाने की सूचना है। यह घटना रायगढ़ और छत्तीसगढ़ के परिप्रेक्ष्य में बेहद चिंताजनक है। उमेश पटेल ने पुलिस को यह जानने की आवश्यकता पर जोर दिया कि फायरिंग करने वालों के पास लाइसेंस वाले हथियार हैं या फिर अवैध हथियार आखिर इन लोगों के पास इतने भारी मात्रा में हथियार आए कहां से, इसका स्रोत क्या है?
उमेश पटेल ने आगे कहा कि एक पिस्तौल का लाइसेंस बनवाने के लिए जटिल कानूनी प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है तब जाकर लाइसेंस बनता है और तो और प्रत्येक गोली का हिसाब देना पड़ता है। इसके बावजूद भी रायगढ़ के दोनों गुटों के पास हथियारों का जखीरा उपलब्ध है, सोचिये ये कितना गम्भीर मामला है। यह घटना न केवल रायगढ़वासियों के लिए बल्कि प्रदेश की सुरक्षा के लिए भी एक बड़ी चिंता का विषय है। रायगढ़ पुलिस बिना किसी दबाव के हिमगिर गैंगवार कांड में शामिल रायगढ़ के उन तमाम आरोपियों और उन्हें संरक्षित करने वाले धनाड्य लोगों पर कार्रवाई सुनिश्चित करे जिन्होंने कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ाते हुए खुलेआम वारदात को अंजाम दिया है।
इसके साथ ही, उमेश पटेल ने भाजपा सरकार पर भी निशाना साधते हुए कहा कि जब से छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार आई है, तब से कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ गई है। आम आदमी खुद को असुरक्षित महसूस कर रहा है। विशेषकर औद्योगिक जिले रायगढ़ में अपराध बढ़ता जा रहा है। पटेल का आरोप है कि भाजपा के नेता अपराधिक प्रवृत्ति के लोगों को संरक्षित कर रहे हैं जिससे उनका हौसला बढ़ रहा है और ये आपराधिक तत्व उनकी सरपरस्ती में कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ा रहे हैं।
उमेश पटेल ने हिमगिर की घटना की कड़ी निंदा करते हुए भाजपा सरकार और रायगढ़ पुलिस प्रशासन को चेताया कि यदि रायगढ़ के अपराधिक तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं की गई, तो यह रायगढ़ और पूरे छत्तीसगढ़ के लिए गंभीर खतरा बन सकते हैं और वो वह दिन दूर नहीं जब हिमगिर में हुई घटना रायगढ़ में भी दोहराई जा सकती है, अगर समय रहते कार्रवाई नहीं की गई।