नई दिल्ली: बीजेपी के दिग्गज नेता और पूर्व उपप्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी (Lal Krishna Advani) को गुरुवार शाम नई दिल्ली के अपोलो अस्पताल से छुट्टी मिल गई. PTI द्वारा शेयर वीडियो में, 96 साल के आडवाणी अपने काफिले के साथ अपोलो अस्पताल से निकलते हुए नजर आ रहे हैं. गौरतलब है कि, आडवाणी को स्वास्थ्य समस्याओं के चलते बुधवार रात रात 9 बजे के आसपास अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था. अभी कुछ दिनों पहले ही आडवाणी को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) से छुट्टी मिली थी.
PTI ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भाजपा नेता आडवाणी का अस्पताल से बाहर आते हुए वीडियो शेयर किया. साथ ही कैप्शन दिया कि, बीजेपी के दिग्गज नेता और पूर्व उपप्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी दिल्ली के अपोलो अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद रवाना हो गए हैं. 96 वर्षीय को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में रात भर रहने के बाद छुट्टी मिलने के कुछ दिनों बाद इस बुधवार को अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था. देखिए वीडियो:
VIDEO | BJP veteran and former deputy prime minister Lal Krishna Advani leaves after being discharged from Apollo Hospital in Delhi.
The 96-year-old was admitted to the Apollo Hospital this Wednesday, days after being discharged from the All India Institute of Medical Sciences… pic.twitter.com/YbvnvfuIXi
— Press Trust of India (@PTI_News) July 4, 2024
ऐसा रहा आडवाणी का सियासी जीवन
गौरतलब है कि, 8 नवंबर, 1927 को कराची, अविभाजित भारत (अब पाकिस्तान) में जन्मे, भारतीय राजनीति के एक महान व्यक्तित्व, आडवाणी ने 1942 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के साथ जुड़कर अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की, जहां उन्होंने प्रचारक के रूप में काम किया. 1951 में, वह RSS की राजनीतिक शाखा, भारतीय जनसंघ (BJS) में शामिल हो गए और लगातार इसके रैंकों में आगे बढ़ते गए.
1980 में, जनता पार्टी के विघटन के बाद, भारतीय जनता पार्टी (BJP) का गठन हुआ, जिसके प्रमुख संस्थापकों में से एक आडवाणी थे. अटल बिहारी वाजपेयी के साथ, आडवाणी ने भाजपा की विचारधारा को आकार देने और पूरे भारत में इसके आधार का विस्तार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
आडवाणी के राजनीतिक जीवन के सबसे निर्णायक क्षणों में से एक राम जन्मभूमि आंदोलन में उनका नेतृत्व था. 1990 में अयोध्या में विवादित बाबरी मस्जिद स्थल पर राम मंदिर के निर्माण की वकालत करते हुए उनकी राष्ट्रव्यापी रथ यात्रा ने हिंदू राष्ट्रवादी भावनाओं को जागृत किया और एक जन नेता के रूप में उनकी स्थिति को मजबूत किया. आडवाणी ने 2002 से 2004 तक प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के डिप्टी के रूप में कार्य किया.