Monsoon Update: देश के ज्यादातर हिस्से में मानसून ने दस्तक दे दी है और बारिश का दौर भी शुरू हो गया है. लेकिन दिल्ली-एनसीआर में बारिश के बाद उमसभरी गर्मी ने लोगों को परेशान कर दिया है. इस बीच मौसम विभाग ने कहा है कि जुलाई में देश के ज्यादातर इलाकों में मानसून की झमाझम बारिश होगी. मौसम विभाग के मुताबिक, जून के मध्य में मानसून की धीमी गति के बाद भी ये सामान्य तिथि से छह दिन पहले पूरे देश में पहुंच गया और बारिश होने लगी. इस बीच मंगलवार को दक्षिण-पश्चिम मानसून हरियाणा, पंजाब और राजस्थान के बाकी हिस्सों में भी आगे बढ़ गया. इसके साथ ही मानसून ने दो जुलाई तक पूरे देश में दस्तक दे दी. जबकि आमतौर पर मानसून 8 जुलाई तक पूरे देश में पहुंचता है.
समय से पहले देशभर में पहुंचा मानसून
भारत मौसम विज्ञान विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, यह लगातार तीसरा साल है जब मानसून तय समय से पहले पूरे देश में पहुंच गया. 2011 से अब तक सात बार मानसून सामान्य तिथि से पहले देश के सभी हिस्सों में पहुंचा है. पिछले साल आठ जून ने मानसून ने केरल में दस्तक दी थी. इसके बाद ये दो जुलाई को पूरे देश में पहुंच गया था. इस तरह पिछले साल भी मानसून सामान्य तिथि से छह दिन पहले देशभर में पहुंच गया था. वहीं पश्चिमी राजस्थान में पिछले साल मानसून की वापसी सामान्य तिथि से आठ दिन बाद यानी 25 सितंबर से शुरु हुई थी.
6 जुलाई तक इन राज्यों में भारी बारिश के आसार
इस बीच मौसम विज्ञान विभाग ने अगले चार से पांच दिनों तक भारी बारिश का अनुमान जताया है. मौसम विभाग की मानें तो इस दौरान उत्तर-पश्चिम, पूर्व और पूर्वोत्तर भारत में मानसून सक्रिय रहेगा. इस दौरान छह जुलाई तक बिहार के अलावा पूर्वोत्तर के सभी राज्य असम, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मेघालय, मिजोरम, मणिपुर, त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश होने का अनुमान है. वहीं शुक्रवार और शनिवार को असम, अरुणाचल प्रदेश और मेघालय के अलग-अलग स्थानों पर अत्यधिक भारी बारिश का अनुमान है. आइएमडी का कहना है कि इस दौरान गुजरात, मध्य महाराष्ट्र और गोवा के कुछ हिस्सों और तटीय कर्नाटक में कुछ इलाकों में भी भारी बारिश होने की संभावना है.
जून में सामान्य से कम हुई बारिश
मौसम विभाग की मानें तो 11 जून से लेकर 27 जून तक देशभर में सामान्य से कम बारिश दर्ज की गई. जिसके चलते जून के महीने में सामान्य से कम बारिश दर्ज की गई. जून में कुल 147.2 मिमी बारिश हुई. जबकि सामान्य रूप से जून के महीने में 165.3 मिमी बारिश होती है. 2001 के बाद से ये सातवीं बार है जब जून के महीने में सामान्य से कम बारिश दर्ज की गई है. आमतौर पर देश में मानसून के चार महीने होते हैं.
इस दौरान कुल 87 सेंटीमीटर बारिश होती है. इसमें से 15 प्रतिशत बारिश सिर्फ जून के महीने में ही होती है. सामान्यतः दक्षिण-पश्चिम मानसून एक जून तक सबसे पहले केरल में प्रवेश करता है. इसके बाद ये आगे बढ़ते हुए आठ जुलाई तक देश के पूरे हिस्से में पहुंच जाता है. जबकि आमतौर पर 17 सितंबर के आसपास मानसून उत्तर-पश्चिम भारत से लौटना शुरू कर देता है. इसके बाद ये 15 अक्टूबर तक पूरी तरह से वापस लौट जाता है.