यूजीसी नेट पेपर लीक मामले में सीबीआई ने दर्ज किया केस

नई दिल्ली:

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की शिकायत पर सीबीआई ने यूजीसी नेट पेपर लीक मामले में केस दर्ज कर लिया है। अब केंद्रीय एजेंसी कथित धांधली की जांच करेगी। धांधली का मामला सामने आने पर 18 जून को हुई परीक्षा 19 जून को रद्द कर दी गई थी। शिक्षा मंत्रालय का मानना है कि यूजीसी नेट प्रश्नपत्र लीक, नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) की संस्थागत विफलता है। सरकार, नेशनल टेस्टिंग एजेंसी में आमूलचूल बदलाव करने जा रही है।

पेपर लीक की समस्या से जूझ रहे एनटीए को नया रूप दिया जाएगा। इसके लिए एक हाई लेवल कमेटी गठित की जा रही है। यह कमेटी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) को बेहतर बनाने के लिए सरकार को अपनी सिफारिशें देगी।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के मुताबिक एनटीए के स्ट्रक्चर, एनटीए की फंक्शनिंग, परीक्षा प्रक्रिया, पारदर्शिता, डाटा सिक्योरिटी प्रोटोकॉल को बेहतर करने के लिए यह उच्च स्तरीय कमेटी शिक्षा मंत्रालय को अपनी सिफारिश देगी। शिक्षा मंत्री ने यूजीसी नेट को लेकर बताया कि डार्क नेट में इसके प्रश्न आ गए थे। उन प्रश्नों को असली प्रश्न पत्र के साथ टैली करवाया गया। जब यह स्पष्ट हो गया कि ये प्रश्न यूजीसी नेट के असली प्रश्नों के साथ मिलते हैं, तो पेपर रद्द करने का फैसला लिया गया।

वहीं, नीट को लेकर शिक्षा मंत्री ने कहा कि नीट में जो लाखों में मेधावी विद्यार्थी बहुत मेहनत से परीक्षा उत्तीर्ण करने में सफल हुए हैं, उनके हितों का भी हमने ध्यान रखना है। उन्होंने नीट मामले में पटना पुलिस के कार्य की सराहना की और कहा कि कुछ जानकारी अभी आनी बाकी है।

शिक्षा मंत्री ने कहा कि हम पटना पुलिस की जांच से संतुष्ट हैं। पटना पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से लगातार बातचीत हो रही है। इस विषय में बिहार पुलिस कुछ और अनुसंधान कर रही है। इस मुद्दे पर धर्मेंद्र प्रधान ने विपक्ष से राजनीति नहीं करने का अनुरोध किया है।

धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि वह मामले की नैतिक जिम्मेदारी लेते हैं। इस पूरे चक्र में जो भी जिम्मेदार होगा, उसे छोड़ा नहीं जाएगा। प्रधान ने तेजस्वी यादव के पीए के संबंध में कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। शिक्षा मंत्री ने सभी छात्रों से अनुरोध करते हुए कहा कि किसी प्रकार की अफवाह में मत जाइए। सभी तथ्य सुप्रीम कोर्ट के समक्ष हैं। नीट में टॉपर्स की संख्या पर धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि कोविड के दौरान एनसीईआरटी और सीबीएसई ने अपने सिलेबस को कम किया था। नीट इस घटाए गए सिलेबस के आधार पर हुई थी।

उन्होंने कहा कि देशभर के सारे बोर्ड्स को ध्यान में रखते हुए 12वीं स्टैंडर्ड के प्रश्न आए। इसके कारण भी नीट में एंट्री बढ़ी है और रैंक में थोड़ा नयापन दिख रहा है। एनटीए में सुधार को लेकर बनाई जा रही उच्च स्तरीय कमेटी में टेक्नोक्रेट, साइंटिस्ट, एजुकेशनल एडमिनिस्ट्रेटर, शिक्षाविद्, साइकोलॉजिस्ट और इस प्रकार के बैकग्राउंड वाले लोगों को रखा जाएगा। इन एक्सपर्ट्स की सिफारिशों के आधार पर एनटीए में सुधार किए जाएंगे।

शिक्षा मंत्री का कहना है कि जल्द ही इस कमेटी को नोटिफाई किया जाएगा। नीट रद्द किए जाने की कोई मंशा नहीं है। जो ग्रामीण गरीब मेधावी विद्यार्थी नीट में अच्छे नंबरों के साथ अच्छी रैंक में खड़े हैं, आइसोलेटेड घटना के लिए उनके करियर को होस्टेज में न रखा जाए। सरकार किसी भी सुधार के लिए तैयार है। किसी भी गुनहगार को नहीं छोड़ा जाएगा। सरकार छात्रों के हितों को सुरक्षित करने के लिए प्रतिबद्ध है। पारदर्शिता के साथ हम कोई समझौता नहीं करेंगे, विद्यार्थियों का भविष्य ही हमारी प्राथमिकता है।

उन्होंने कहा कि नीट के संबंध में बिहार सरकार के साथ हम लोग लगातार संपर्क में हैं। पटना से हमारे पास जानकारी भी आ रही है। पटना पुलिस इस मामले में तह तक जा रही है, उनके पास कुछ महत्वपूर्ण जानकारी आई है। पटना पुलिस यह जानकारी भारत सरकार को भेजेगी। प्राथमिक जानकारी के अनुसार कुछ खास क्षेत्रों में कुछ खामियां हैं। पुख्ता जानकारी आने पर दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। एनटीए हो या फिर कोई अन्य, दोषी पाए जाने पर किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।

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