PM Modi Italy Visit: पीएम मोदी इटली दौरे पर रवाना, G7 शिखर सम्मेलन में करेंगे शिरकत

New Delhi:

PM Modi Italy Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इटली के लिए रवाना हो गए हैं. पीएम मोदी गुरुवार शाम इटली की प्रधानमंत्री जोर्जिया मेलोनी के निमंत्रण पर इटली की यात्रा कर रहे हैं. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार यानी 14 जून को G7 आउटरीच शिखर सम्मेलन में शिरकत करेंगे. शिखर सम्मेलन से इतर पीएम मोदी और इटली की प्रधानमंत्री जोर्जिया मेलोनी के बीच द्विपक्षीय बैठक भी होगी. बता दें कि लोकसभा चुनाव में जीत हासिल करने और तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद पीएम मोदी पहली विदेश यात्रा कर रहे हैं.

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भारत को मिला है आउटरीच देश के रूप में निमंत्रण

बता दें कि जी7 समिट शामिल होने के लिए भारत को एक आउटरीच देश के रूप में आमंत्रित किया गया है. विदेश मंत्रालय के मुताबिक, भारत और ग्‍लोबल साउथ के लिए यह महत्वपूर्ण मुद्दों पर समिट में वैश्विक नेताओं के साथ जुड़ने का एक बेहतर मौका होगा. बता दें कि इस शिखर सम्मेलन में भारत 11वीं और पीएम मोदी की लगातार पांचवीं बार शिरकत करेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आउटरीच सेशन में शामिल होंगे. शिखर सम्मेलन से इतर पीएम मोदी की जी7 देशों के नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठक भी कर सकते हैं.

इटली की पीएम के साथ प्रधानमंत्री मोदी की द्विपक्षीय बैठक

इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इटली की पीएम जोर्जिया मेलोनी के साथ ही द्विपक्षीय बैठक करेंगे. जी7 समिट में शामिल होने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन, जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो भी इटली पहुंच चुके हैं. तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद पीएम मोदी की ये पहली विदेश यात्रा है. पीएम मोदी 14 जून को सम्मेलन में शामिल होने के बाद उसी रात स्वदेश के लिए रवाना हो जाएंगे.

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जानें क्या है जी7?

बता दें कि जी7 में अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली, जर्मनी, कनाडा और जापान शामिल हैं. इस बार जी7 समिट की अध्यक्षता इटली के पास है इसके साथ ही इटली ही इस बार सम्मेलन की मेजबानी भी कर रहा है. जी-7 सदस्य देश वर्तमान में वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 45 प्रतिशत और दुनिया की 10 फीसदी से अधिक आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं. संगठन की परंपरा के अनुरूप अध्यक्षता करने वाला मेजबान देश कई देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों को शिखर सम्मेलन में आमंत्रित करता है.

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इससे पहले 1997 से 2013 तक रूस भी इस संगठन का सदस्य रहा, जिसके चलते इसका नाम जी8 हो गया था. हालांकि, क्रीमिया पर कब्जे के बाद 2014 में इस संगठन से रूस की सदस्यता सस्पेंड कर दी गई. जी7 आर्थिक मुद्दों पर अपने शुरुआती फोकस के साथ ही शांति और सुरक्षा, आतंकवाद विरोधी, विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन समेत प्रमुख वैश्विक चुनौतियों के समाधान और सर्वमान्य मत खोजने के लिए विचार का एक मंच बन गया है. साल 2003 से ये संगठन गैर-सदस्य देशों को ‘आउटरीच’ सेशन में आमंत्रित करता है.