बलौदाबाजार हिंसा: कांग्रेस नेताओं ने उकसाई थी भीड़, मंत्रियों के आरोप, जांच के लिए 12 टीमें

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छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले में धार्मिक स्तंभ को नुकसान पहुंचाने के विरोध में सोमवार को सतनामी समाज के आंदोलन के दौरान हुई हिंसा को लेकर सियासत गर्म है। राज्य के दो मंत्रियों ने घटना के एक दिन बाद मंगलवार को कांग्रेस नेताओं पर भीड़ को उकसाने का गंभीर आरोप लगा दिया। खाद्य मंत्री दयालदास बघेल और राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा ने मंगलवार शाम एक प्रेस कांफ्रेंस की और आरोप लगाया कि हिंसा, आगजनी और लूट की घटना में कुछ विधायकों समेत कांग्रेस के नेता शामिल थे।

खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने कहा कि कार्यक्रम (विरोध प्रदर्शन) में कुछ लोगों ने सतनामी समाज को बदनाम करने के लिए आगजनी, लूट, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, हत्या के प्रयास जैसे गंभीर अपराध किए। सब कुछ योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया गया। असामाजिक तत्वों ने करीब 150 दोपहिया और चार पहिया वाहनों को आग के हवाले कर दिया। प्रदर्शन में पूर्व मंत्री गुरु रुद्र कुमार, निवर्तमान विधायक देवेंद्र यादव और कविता प्राणलहरे समेत कांग्रेस के नेता शामिल हुए। 

दयालदास बघेल ने कहा कि पूर्व मंत्री गुरु रुद्र कुमार, निवर्तमान विधायक देवेंद्र यादव और कविता प्राणलहरे ने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से आगजनी और लूट की घटना को बढ़ावा दिया। यह घटना कांग्रेस की सोची-समझी साजिश का नतीजा है। विष्णुदेव साय सरकार को बदनाम करने की नापाक कोशिश की गई। इसमें भीम आर्मी जैसी बाहरी विचारधारा का भी सहारा लिया गया। कंपोजिट बिल्डिंग (जिसमें जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक और अन्य कार्यालय हैं) को जला दिया गया और तीन दमकल वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया। 

दयालदास बघेल ने कहा- घटना में करीब 40 पुलिसकर्मी घायल हो गए। मीडियाकर्मियों और आम लोगों को सड़कों पर दौड़ा-दौड़ाकर पीटा गया। संपत्ति की रजिस्ट्री कराने बलौदाबाजार रजिस्ट्री अधिकारी के पास आए लोगों से लाखों रुपए भी लूट लिए गए।शांति और भाईचारे का संदेश देने वाले सतनामी समाज द्वारा ऐसा अपराध कभी नहीं किया जा सकता। इस पूरी घटना के पीछे राजनीतिक साजिश है। यह दुखद घटना कांग्रेस की साजिश के कारण हुई है। किसी ने नहीं सोचा था कि कांग्रेस इतने निचले स्तर पर गिर सकती है।

खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने बताया कि घटना के सिलसिले में अब तक आगजनी करने वाले 200 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इस वर्ष 15 और 16 मई की रात को जिले के गिरौदपुरी धाम में पवित्र अमर गुफा के करीब सतनामी समुदाय द्वारा पूजे जाने वाले पवित्र प्रतीक ‘जैतखाम’ या ‘विजय स्तंभ’ को अज्ञात लोगों ने तोड़ दिया था। पुलिस ने बाद में इस घटना के सिलसिले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया था। घटना के विरोध में सतनामी समाज ने दशहरा मैदान में प्रदर्शन और कलेक्टर कार्यालय का घेराव करने का ऐलान किया था।

बलौदाबाजार-भाटापारा जिला प्रशासन ने धारा 144 लागू कर दी है। इसके तहत 16 जून तक बलौदाबाजार शहर में चार या उससे अधिक लोगों के एकत्र होने पर रोक लगा दी गई है। वहीं बलौदाबाजार-भाटापारा के पुलिस अधीक्षक सदानंद कुमार ने बताया कि सोमवार की घटना के संबंध में सात प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। आगजनी में शामिल लोगों का पता लगाने के लिए पुलिस की 12 टीमें गठित की गई हैं।
सीसीटीवी फुटेज, विरोध प्रदर्शन की वीडियोग्राफी और मीडियाकर्मियों सहित अन्य स्रोतों से प्राप्त वीडियो फुटेज के आधार पर मुख्य आरोपी और अन्य की पहचान की जा रही है।

इस बीच, अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज देर शाम अपने आधिकारिक आवास पर सतनामी समुदाय के सदस्यों से मुलाकात की और घटना के बारे में चर्चा की। मुख्यमंत्री साय ने बलौदाबाजार जिले की घटना के संबंध में सतनामी समाज के प्रमुखों से कहा है कि बाबा गुरू घासीदास का संदेश समाज में शांति और सद्भाव का रहा है। आप सबकी भी जिम्मेदारी है कि समाज भ्रमित न हो और शांति स्थापित करने की दिशा में साथ मिलकर आगे बढ़े। सतनामी समाज प्रमुखों ने कहा कि समाज के सभी लोग घटना से आहत हैं। 

वहीं आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस ने दावा किया कि मंत्री अपनी सरकार की विफलता को छिपाने की कोशिश कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के संचार शाखा के प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि लगभग एक महीने पहले पवित्र ‘जैतखाम’ के साथ तोड़फोड़ असमाजिक तत्वों ने की तभी से समाज आक्रोशित था। बड़ी संख्या मे लोग इकट्ठा होने वाले थे, सरकार को सूचना थी फिर सतर्कता क्यों नहीं बरती गई। भाजपा सरकार इस अप्रिय घटना के लिए जवाबदेह है।