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छत्तीसगढ़ के बलौदा बाजार में सतनामी समाज के द्वारा किया गया आंदोलन हिंसक रूप ले लिया। आंदोलन करने हजारों की संख्या में पहुंची भीड़ कलेक्ट्रेट कार्यालय के अंदर पहुंचते ही उपद्रवियों में तब्दील हो गई। आंदोलन और धरना प्रदर्शन करने आए यह लोग कहीं गाड़ी तोड़ रहे थे, तो कोई आगजनी की घटना को अंजाम दे रहा था। हजारों की संख्या में पहुंचे आंदोलनकारी को रोकने वाली पुलिस पर पत्थर और डंडे बरसाए जा रहे थे। वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी करने वाले पत्रकारों पर भी उपद्रवियों ने पत्थर फेक और उन्हें पीटने का प्रयास किया। दरअसल यह भीड़ अपने नेताओं के संरक्षण में सतनामी समाज के इस आंदोलन का हिस्सा बनने के लिए आई हुई थी। सतनामी समाज के लोग जो पहले सिर्फ ज्ञापन सौंपने के लिए पहुंचे थे, वह अचानक हिंसक बलवाइयों में तब्दील हो जाएंगे यह किसी ने नहीं सोचा था।
पेट्रोल, पत्थर और डंडे लेकर आंदोलन
जैतखाम काटने के विरोध में शुरू हुआ यह आंदोलन आग का रूप ले लेगा यह किसी ने नहीं सोचा था। 10 जून को सीबीआई जांच को लेकर ज्ञापन सौंपने का यह आंदोलन आग के गोले में कब तब्दील हो गया किसी को पता ही नहीं चला। समाज के नेता मंच से भाषण दे रहे थे, लेकिन जिस तरह से लोगों की भीड़ आंदोलन का हिस्सा बनती गई जिसे काबू कर पाना मुश्किल हो गया। इसके बाद कलेक्ट्रेट कार्यालय का घेराव करने पहुंची भीड़ पुलिस पर पथराव और डंडे मारते हुए कलेक्ट्रेट परिसर की गाड़ियों को चकनाचूर करने के बाद उनमें आग लगा दी। गाड़ियों की आग इतनी तेज थी कि उसने धीरे-धीरे पूरे कलेक्ट्रेट परिसर को जलाना शुरू कर दिया। हैरान करने वाली बात यह है कि केवल ज्ञापन देने की बात पर पहुंची यह भीड़ आखिर पेट्रोल, पत्थर और डंडे अपने साथ क्यों लेकर पहुंची हुई थी।
आगजनी के बाद कलेक्ट्रेट परिसर में लगाया समाजिक झंडा
आंदोलन करने पहुंचे उपद्रवियों ने बैरिकेड तोड़ने के बाद कलेक्ट्रेट परिसर के अंदर घुसकर पहले तोड़फोड़ की। उसके बाद परिसर में खड़ी गाड़ियों पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी। हजारों की संख्या में कलेक्ट्रेट परिसर के अंदर घुसे लोगों ने पुलिस कर्मियों पर पत्थर और डंडे फेंकना शुरू कर दिए। इस बीच एक वीडियो सोशल मीडिया में सामने आया जिसमें उपद्रवियों के द्वारा इस आगजनी की घटना को अंजाम देने के बाद सामाजिक झंडा फहराया गया।
100 बाइक, 20 से ज्यादा कार और 2 दमकल के वाहन को किया आग के हवाले
आंदोलन करने पहुंचे प्रदर्शनकारियों के द्वारा कलेक्ट्रेट परिसर में तोड़फोड़ की घटना को अंजाम देने के बाद वहां खड़ी 100 बाइक, 20 से ज्यादा कार और दो दमकल वाहन को आग के हवाले कर दिया। जानकारी के मुताबिक इस आंदोलन में करोड़ों रुपए से ज्यादा का शासकीय नुकसान हुआ है। वहीं कई शासकीय महत्वपूर्ण दस्तावेज जलकर भी खाक हो गए हैं। इस घटना में 50 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। जिसमें 12 पुलिसकर्मी गंभीर बताई जा रहे हैं। घटना की सूचना मिलने के बाद देर रात डिप्टी सीएम विजय शर्मा घटनास्थल पहुंच कर मौके का जायजा लिया है। वहीं छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने उपद्रवियों की गिरफ्तारियां के आदेश जारी किए हैं। इस पूरे मामले में मंगलवार सुबह तक 170 से ज्यादा लोगों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।