रायगढ़, 5 जून 2024: जिले के तमनार तहसील में स्थित गारे पेल्मा 3 कॉलरी लिमिटेड के कर्मचारियों और ग्राम प्रतिनिधियों सहित अधिक संख्या में गणमान्य नागरिकों द्वारा ग्राम पंचायतों में 10,000 से अधिक पौधों का रोपण कर आज विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया। इस तरह से गारे पेल्मा 3 खदान के प्रबंधन ने पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई। वहीं कंपनी ने आनेवाली बरसात में 50000 पौधा रोपण का लक्ष्य रखा है।
गारे पेल्मा 3 खदान राज्य सरकार के छत्तीसगढ़ राज्य विद्यत उत्पादन निगम लिमिटेड की है जिसके संचालन के लिए स्पर्धात्मक बोली के द्वारा अदाणी एंटरप्राइजेज को नियुक्त किया गया है । कार्यक्रम की शुरुआत बुधवार को बंजारी मंदिर से पर्यावरण दिवस रैली से की गई, जिसमें स्थानीय समुदाय ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। कंपनी के पर्यावरण विभाग द्वारा अदाणी फाउंडेशन के सहयोग से विश्व पर्यावरण दिवस के दिन ग्राम पंचायतों खमरिया, मिल्लूपारा, कारवाही, बजरमुड़ा गांवो को वृक्षारोपण किया गया। इस अवसर पर ‘वेस्ट टू बेस्ट रिसाइकलिंग’ विषय पर 2 से 4 जून तक तीन दिवसीय निबंध लेखन प्रतियोगिताएं और पोस्टर प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया गया। जिनमें उत्कृष्ट प्रतिभागियों को पुरस्कार प्रदान कर प्रेरित किया गया ।
इस दौरान रायगढ़ क्लस्टर प्रमुख मुकेश कुमार ने कहा, “हमारे पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण के लिए यह आवश्यक है कि हम हर साल वृक्षारोपण करें और लोगों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करें। वहीं हाल ही मे आने वाले बारिश के मौसम में 50000 पौधों का रोपण का लक्ष्य है।” यह उल्लेखनीय है की पांच राज्यों में विभिन्न स्थलों पर अदाणी नेचुरल रिसोर्सेज की खनन परियोजना की टीमों ने 50,000 से अधिक फलदार और देशी पौधे लगाए और वितरित किए, जो हरित भविष्य के पोषण के लिए कंपनी की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। अदाणी समूह ने 2030 तक 10 करोड़ पेड़ लगाने का लक्ष्य रखा है जिसमे से अदाणी नेचुरल रिसोर्सेज 86 लाख से अधिक पेड़ लगाएगा । इसी कड़ी मे राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (आरआरवीयूएनएल) की अदाणी नेचुरल रिसोर्सेज द्वारा संचालित पीईकेबी खदान में कोयला निकले जा चुकी भूमि अर्थात रिक्लेमेड भूमि में पिछले 10 सालों 11.50 लाख से अधिक पेड़ लगाये जा चुके हे, जो भारत के खनन उद्योग में अब तक का सबसे बड़ा वृक्षारोपण कार्यक्रम हे।
अदाणी समूह की अदाणी फाउंडेशन द्वारा जिले में शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका विकास और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में कई उल्लेखनीय कार्य कर रहा है, जिससे क्षेत्र में औद्योगिक और संरचनात्मक ढांचागत स्थिरता को बढ़ाने में मदद तो मिल रही है। साथ ही इन कार्यों ने समाज में भी विभिन्न स्तरों पर लोगों को प्रभावित किया है।