मुंबई की काम्या कार्तिकेयन ने रचा इतिहास, 16 साल की उम्र में फतह किया माउंट एवरेस्ट

New Delhi:

Kaamya Karthikeyan: मुंबई की रहने वाली 16 साल की काम्या कार्तिकेयन ने इतिहास रच दिया. उन्होंने हाल ही में माउंट एवरेस्ट चढ़ने का खिताब अपने नाम कर लिया. इसी के साथ वह भारत की सबसे कम उम्र की और दुनिया की दूसरी सबसे कम उम्र लड़की बन गईं, जिसने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट को फतह किया हो. काम्या का कहना है कि, “मैंने हाल ही में माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई की. मैं नेपाल की ओर से माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली दुनिया की दूसरी सबसे कम उम्र की लड़की और सबसे कम उम्र की भारतीय बन गई हूं.’

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काम्या कार्तिकेयन का कहना है कि, यह बहुत लंबे समय से मेरा सपना रहा है, आखिरकार इसे हासिल करना और सुरक्षित वापस आना मेरे लिए सुखद और अच्छा रहा. उन्होंने कहा कि जब मैं 7 साल की थी तब मैंने अपना पहला हिमालयी ट्रेक किया था, तभी से मुझे ट्रैकिंग का शौक लग गया. काम्या कहती हैं कि 2017 में मैंने एवरेस्ट बेस कैंप तक ट्रैकिंग की. माउंट एवरेस्ट मेरे लिए 7 शिखरों में से छठा था.

पिता है भारतीय नौसेना में अधिकारी

बता दें काम्या कार्तिकेयन के पिता भारतीय नौसेना में एक अधिकार हैं. काम्या मुंबई के नेवी चिल्ड्रन स्कूल में बारहवीं की छात्रा हैं उनके पिता एस. कार्किकेयन भारतीय नौसेना में एक अधिकारी हैं. बता दें कि उनके साथ उनके पिता ने भई माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई की थी. उन्होंने 20 मई 2024 को नेपाल के रास्ते माउंट एवरेस्ट को सफलतापूर्वक फतह कर लिया. काम्या ने सात महाद्वीपों में से छह सबसे ऊंची चोटियों पर चढ़ाई करने में सफलता पाई है. काम्या का लक्ष्य इस साल दिसंबर में अंटार्कटिका के माउंट विंसन मैसिफ पर चढ़ना है. जिससे वह वह दुनिया की सात सबसे ऊंची चोटियों को फतेह करने की चुनौती को पूरा करने वाली सबसे कम उम्र की लड़की बन जाएं.

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तीन साल की उम्र से लगा था ट्रैकिंग का शौक

काम्या कार्तिकेयन ने भले ही 16 साल की उम्र में माउंट एवरेस्ट फतह किया हो लेकिन उनका ये शौक बचपन का है. जब वह महज तीन साल की थीं तब से ही उन्हें ट्रैकिंग का शौक लग गया था.  जब वह सात साल की हुईं तो वह अपने माता-पिता के साथ उत्तराखंड के एक शिखर को फहत करने पहुंच गईं थी. जब वह 9 साल की थीं तब उन्होंने लद्दाख की चोटी को फतह करने में सफलता पाई थी. बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी भी ‘मन की बात’ में काम्या की उपलब्धियों का उल्लेख कर चुके हैं.