छत्तीसगढ़ के कबीरधाम में हुई दर्दनाक सड़क दुर्घटना में मारे गए 19 आदिवासियों की अंत्येष्टि मंगलवार को उनके पैतृक गांव में की गई। यह हादसा सोमवार को उस वक्त हुआ था जब तेंदूपत्ता बीनने वाले लोगों के समूह को लेकर जा रही एक पिकअप वाहन बंजारी घाट पर घाटी में गिर गया था। मारे गए लोगों में से 17 लोग सिमरहा गांव के थे और दो अन्य सिंघारी गांव के थे।
सिमरहा गांव के मारे गए 17 लोगों में से 10 लोग एक ही परिवार के थे, वहीं 4 लोग एक अन्य परिवार के थे। जबकि तीन एक अन्य परिवार के थे। मृतकों की अंत्येष्टि के दौरान उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए आसपास के गांवों से सैकड़ों लोग सिमरहा गांव में आए थे। जब मृतकों के पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया तो गांव में दिल दहला देने वाले दृश्य देखने को मिले।
दस शवों के लिए बनाई गई एक ही चिता
हादसे में मारे गए एक ही परिवार के 10 सदस्यों के शवों के लिए एक लंबी चिता बनाई गई, जिस पर रखकर उन्हें आग के हवाले किया गया। जबकि चार अन्य शवों का अंतिम संस्कार भी एक अन्य चिता पर और तीन का अन्य चिता पर किया गया।
उपमुख्यमंत्री बोले- जैसे मैंने अपने परिवार के सदस्यों को खो दिया हो
सिमरहा गांव में हुए इस अंतिम संस्कार में पुलिस एवं प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा भी शामिल हुए। शर्मा ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘यह एक बहुत दर्दनाक क्षण है.. दुर्घटना में मरने वालों में अधिकतर माताएं (महिलाएं) शामिल हैं। मुझे ऐसा महसूस हो रहा है जैसे मैंने अपने परिवार के सदस्यों को खो दिया है। मैं ईश्वर से पीड़ितों के परिजनों को शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना करता हूं।’
आगे उन्होंने कहा, मृतकों के परिजनों और ग्रामीणों की इच्छा के अनुरूप जल्द ही दिवंगत व्यक्तियों की याद में एक स्मारक बनाने की व्यवस्था की जाएगी। साथ ही उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री साय ने प्रत्येक मृतक के परिजन को 5-5 लाख रुपए की आर्थिक मदद और घायलों को 50 हजार रुपए देने की घोषणा की है। यह मदद जिला प्रशासन द्वारा इन मामलों में दी जाने वाली अनुग्रह राशि के अतिरिक्त होगी।
खुद कूद गया, पत्नी की जान गई
इस हादसे में बचने वाले 57 वर्षीय व्यक्ति जोधिराम धुर्वे ने बताया कि वह समय रहते वाहन से बाहर कूदने में कामयाब रहा, उसे लगा था कि चालक अनियंत्रित हो चुके उस वाहन को नियंत्रित कर लेगा, लेकिन अगले ही पल उसने देखा कि यह हादसा हो चुका था। इस हादसे में वो तो बच गया लेकिन उसकी पत्नी की जान चली गई।
धुर्वे के मुताबिक, हादसे के वक्त पिकअप वाहन में लगभग 36 लोग सवार थे, जो कि सोमवार सुबह लगभग 4 बजे सिमरहा से लगभग 25 किमी दूर बहपानी क्षेत्र में तेंदूपत्ता तोड़ने के लिए निकले थे। काम पूरा करने के बाद वे लोग दोपहर करीब 12:30 बजे उसी वाहन के पास जमा हुए और दोपहर का भोजन किया और फिर करीब 1:20 बजे सिमरहा के लिए रवाना हो गए। जब वाहन बंजारी घाट में उतर रहा था, तो ड्राइवर ने लोगों को यह कहते हुए चलती गाड़ी से कूदने के लिए कहा कि ब्रेक फेल हो गए हैं और वह रुकने में सक्षम नहीं है। इसके बाद वाहन बेकाबू होकर घाटी में गिर गया।
ड्राइवर और वाहन मालिक गिरफ्तार
धुर्वे के अनुसार उन्हें लगा था कि ड्राइवर वाहन पर नियंत्रण हासिल कर लेगा, लेकिन वह भी स्टीयरिंग छोड़कर बाहर कूद गया, जिसके बाद वाहन लगभग 40 फीट गहरी घाटी में गिर गया और नीचे सड़क पर जाकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। धुर्वे ने कहा, हम पिछले तीन दिनों से एक ही वाहन का उपयोग कर रहे थे, किसी को नहीं पता था कि सोमवार को ऐसा कुछ हो जाएगा।
कबीरधाम के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विकास कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस ने मंगलवार को ड्राइवर दिनेश यादव और मालिक रामकृष्ण साहू को गिरफ्तार कर लिया, उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 279, 337, 304 और मोटर वाहन अधिनियम की धारा 66 और 192 के तहत मामला दर्ज किया गया है।