‘राष्ट्रीय सुरक्षा की बात आती है तो मोदी सरकार कभी समझौता नहीं करेगी’, चीनी सीमा पर हुई झड़पों पर बोले जयशंकर

नई दिल्ली: S Jaishankar: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को भारत चीन के बीच हुई झड़पों पर कहा कि भारत ने एलएसी पर हजारों सैनिकों को तैनात करके चीन का “बहुत मजबूती से मुकाबला” किया है. उन्होंने कहा कि जब राष्ट्रीय सुरक्षा की बात आती है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार कभी समझौता नहीं करेगी. भुवनेश्वर में एक कार्यक्रम के दौरान विदेश मंत्री जयशंकर ने चीन के साथ तनाव को रेखांकित करते हुए कहा कि, पिछले चार सालों में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LaC) पर बड़ी संख्या में सैनिक लाकर भारत पर दबाव बनाने की कोशिश की गई है.

एलएसी पर तैनात की भारतीय सेना की टुकड़ियां

विदेश मंत्री ने कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारतीय सेना की हजारों टुकड़ियां मुकाबला करने को तैयार हैं. उन्होंने कहा कि, “हमने इसका बहुत मजबूती से मुकाबला किया है. आज, भारतीय सेना के हजारों सैनिक चीन के साथ एलएसी की रेखा पर तैनाती पर हैं. हम बहुत स्पष्ट हैं; हम वहां हैं, हम मजबूत हैं, और हम तैनात हैं.” वहीं भारतीय सशस्त्र बलों की तारीफ करते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि हमें परिस्थितियों के अनुसार कोई भी कार्रवाई करनी होगी, हमारे सशस्त्र बल स्वाभाविक रूप से इसके सर्वश्रेष्ठ निर्णायक होंगे।

राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता नहीं करेगी मोदी सरकार- विदेश मंत्री

एस जयशंकर ने कहा कि, जब राष्ट्रीय सुरक्षा की बात आती है, तो मोदी सरकार कभी समझौता नहीं करेगी, यह पाकिस्तान से सीमा पार आतंकवाद हो सकता है, यह चीन से सीमा पर दबाव हो सकता है. यह आतंकवाद हो सकता है जो हमने अतीत में म्यांमार सीमा से किया था इससे पहले कि हमने भूमि सीमा समझौता किया, यहां तक कि बांग्लादेश से भी. विदेश मंत्री ने कहा कि, हम अपने लिए बहुत स्पष्ट हैं, भारत पहले: सुरक्षा पहले. कोई समझौता नहीं है. बता दें कि इस साल की शुरुआत में, विदेश मंत्री जयशंकर ने अपने चीनी समकक्ष से कहा था कि जब तक उन्हें सीमा पर कोई समाधान नहीं मिल जाता, उन्हें दोनों देशों के बीच संबंध सामान्य होने की उम्मीद नहीं करनी चाहिए.

विदेश मंत्री ने कहा कि चीन ने 2020 में समझौते का उल्लंघन किया और सैनिकों को एलएसी पर लाया. भारत को अपनी रक्षा बनाए रखनी होगी. उन्होंने कहा कि मैंने अपने चीनी समकक्ष को समझाया है कि जब तक आप सीमा पर कोई समाधान नहीं ढूंढ लेते, अगर सेनाएं आमने-सामने रहेंगी और तनाव रहेगा, तो आपको यह उम्मीद नहीं करनी चाहिए कि बाकी रिश्ते भी सामान्य तरीके से चलते रहेंगे. यह असंभव है. उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि आप यहां लड़ सकते हैं और हमारे साथ व्यापार भी कर सकते हैं, आप ऐसा नहीं कर सकते.