आयोग की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि प्रत्येक मतदान केंद्र पर मतदाताओं के पहुंचने की संख्या को फॉर्म 17सी में दर्ज किया जाता है। पारदर्शिता के लिए पीठासीन अधिकारी और सभी उपस्थित मतदान एजेंटों द्वारा विधिवत हस्ताक्षरित फॉर्म 17सी की प्रतियां सभी उपस्थित मतदान एजेंटों के साथ साझा की जाती हैं। इस प्रकार, निर्वाचन क्षेत्र ही नहीं बूथवार मतदान का आंकड़ा भी उम्मीदवारों के पास उपलब्ध होता है, जो एक वैधानिक आवश्यकता है।
बयान में कहा गया है कि आयोग प्रत्येक चरण के मतदान के बाद मतदान प्रतिशत के आंकड़े समय पर जारी करने को उचित महत्व देता है। ईसीआई की कार्य-प्रणाली में प्रकटीकरण और पारदर्शिता महत्वपूर्ण हैं।
निर्वाचन आयोग ने लोकसभा चुनाव के पहले दो चरणों में मतदान में मामूली गिरावट को देखते हुए मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने की पहल तेज कर दी है। अब तक पहले चरण में 66.14 प्रतिशत मतदान हुआ है। दूसरे चरण में 66.71 प्रतिशत मतदान हुआ है। यह चुनाव 2019 के मुकाबले कम है। आयोग के मुताबिक उसने अपना सारा ध्यान मतदाताओं के मतदान प्रतिशत को बढ़ाने पर केंद्रित किया हुआ है।
आयोग दूसरे चरण की मतदान प्रक्रिया में कुछ महानगरों में मतदान प्रतिशत के स्तर से निराश है, जो कि भारत के उच्च तकनीक वाले शहरों में अत्यधिक उदासीनता का सूचक है। अगले चरणों से पहले आयोग संबंधित नगरों के प्रशासन के साथ लगातार संपर्क बनाए रखेगा।
मौसम विभाग के अनुसार, 7 मई को होने वाले आम चुनावों के तीसरे चरण के लिए गर्मी कोई बड़ी चिंता नहीं है।
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