छत्तीसगढ़ के कथित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग (धनशोधन) मामले में ED (प्रवर्तन निदेशालय) ने छत्तीसगढ़ के पूर्व IAS अधिकारी अनिल टुटेजा, रायपुर के महापौर के भाई और कुछ अन्य लोगों की 205 करोड़ रुपए की सम्पत्तियां कुर्क कर ली हैं।
ED की तरफ से जारी एक बयान में बताया गया कि कुर्क की गई संपत्तियों में टुटेजा की 15.82 करोड़ रु की 14 संपत्तियां, रायपुर के मेयर और कांग्रेस नेता ऐजाज ढेबर के बड़े भाई अनवर ढेबर की 116.16 करोड़ रु की 115 संपत्तियां, विकास अग्रवाल उर्फ सुब्बू की 1.54 करोड़ रु की और अरविंद सिंह से जुड़ी 12.99 करोड़ रुपए की 33 संपत्तियां शामिल हैं।
इनके अलावा भारतीय दूरसंचार सेवा (ITS) के अधिकारी और एक्साइज विभाग के विशेष सचिव अरुणपति त्रिपाठी की 1.35 करोड़ रु की संपत्ति, त्रिलोक सिंह ढिल्लन की 28.13 करोड़ रु की नौ संपत्तियां, नवीन केडिया के 27.96 करोड़ रु के आभूषण और आशीष सौरभ केडिया/दिशिता वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड की 1.2 करोड़ रु की चल संपत्तियां को कुर्क किया गया है।
ED ने बताया कि अनवर ढेबर कुर्क की गई सम्पत्तियों में रायपुर स्थित होटल वेनिंग्टन कोर्ट भी शामिल है, जो उनकी फर्म ढेबर बिल्डकॉन द्वारा चलाया जा रहा है। इसके अलावा एक व्यवसायिक इमारत ‘अकॉर्ड बिजनेस टॉवर’ भी शामिल है। कुर्क की गई सभी सम्पत्तियों की कुल कीमत 205.49 करोड़ रुपए है।
एक दिन पहले नोएडा से हुई थी व्यवसायी की गिरफ्तारी
इससे पहले गुरुवार 2 मई को इस कथित शराब घोटाले की जांच के सिलसिले में यूपी STF (विशेष कार्य बल) ने नोएडा के एक व्यवसायी विधु गुप्ता को गिरफ्तार किया था। इस कथित घोटाले की जांच कर रही ईडी के एक उप निदेशक की शिकायत पर पिछले साल जुलाई में ग्रेटर नोएडा के कासना पुलिस थाने में एक FIR दर्ज की गई थी।
प्राथमिकी में जिन लोगों को आरोपी बनाया गया उनमें IAS अधिकारी एवं छत्तीसगढ़ के पूर्व उद्योग सचिव अनिल टुटेजा, नेता अनवर ढेबर, IAS अधिकारी एवं छत्तीसगढ़ के आबकारी विभाग के पूर्व आयुक्त निरंजन दास, छत्तीसगढ़ के आबकारी विभाग के पूर्व विशेष सचिव एवं छत्तीसगढ़ राज्य विपणन निगम लिमिटेड (CSMCL) के प्रबंध निदेशक अरुण पति त्रिपाठी और नोएडा के कारोबारी विधु गुप्ता के नाम शामिल है।
कौन है पूर्व IAS टुटेजा?
वर्ष 2003 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी टुटेजा को कुछ दिन पहले छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में संघीय धनशोधन रोधी एजेंसी ने गिरफ्तार किया था और वर्तमान में वह ईडी की हिरासत में हैं। ईडी ने टुटेजा को शराब सिंडिकेट का सरगना बताया था और कहा था कि इससे 2,100 करोड़ रुपए से अधिक की अपराध की आय अर्जित हुई है।
ईडी ने दावा किया था कि टुटेजा की कार्रवाइयों के परिणामस्वरूप राज्य के खजाने को भारी नुकसान पहुंचा। टुटेजा पिछले साल सेवा से सेवानिवृत्त हुए थे। उन्हें आखिरी बार छत्तीसगढ़ के उद्योग और वाणिज्य विभाग में संयुक्त सचिव के रूप में नियुक्त किया गया था। उच्चतम न्यायालय द्वारा आयकर विभाग की शिकायत पर आधारित उसकी पिछली प्राथमिकी को रद्द करने के बाद ईडी ने कथित शराब घोटाले के सिलसिले में मनी लॉन्ड्रिंग का नया मामला दर्ज किया था।
टुटेजा को 30 अप्रैल को कोर्ट में पेश किया गया था, जहां कोर्ट ने उन्हें एकबार फिर 4 मई तक के लिए रिमांड पर भेज दिया था। ED ने बताया था कि टुटेजा से हुई पूछताछ में कई महत्वपूर्ण जानकारियां मिली हैं।