रायगढ़, 29 फरवरी। गेरवानी के सरिया प्लांट में काम करने वाले एक मजदूर की जंगल में कंकाल बरामद होने का मामला प्रकाश में आया है। बीते 1 फरवरी को घर से निकले श्रमिक की लाश का सिर पेड़ में बंधे फंदे पर लटक रहा था। यह प्रसंग पूंजीपथरा थाना क्षेत्र का है। घटना की विवेचना कर रहे सहायक उपनिरीक्षक चंदन सिंह नेताम ने बताया कि पूंजीपथरा निवासी भगतराम धनवार पिता चमार सिंह (55 वर्ष) गांव में अपनी बीवी, 1 बेटा और 2 बेटी को छोड़कर गेरवानी के एक सरिया प्लांट में मजदूरी करते हुए वहीं लेबर क्वाटर में रहता था। भगतराम हरेक महीने की 15 तारीख को घर में पैसे भेजता था। गुजरे 1 फरवरी की सुबह 7 बजे वह घर से काम करने सरिया प्लांट जाने निकला था।
15 फरवरी गुजरने के बाद भी भगतराम द्वारा पैसे नहीं भेजने पर परिजनों ने जब गेरवानी के सरिया प्लांट में कार्यरत श्रमिकों को फोन लगाते हुए पता किया तो उन्होंने बताया कि भगतराम को कई दिनों से ड्यूटी में नहीं पहुंच रहा है। ऐसे में बदहवास धनवार परिवार ने गेरवानी जाकर भगतराम के साथियों और रिश्तेदारों के यहां भी पतासाजी की, मगर कोई कामयाबी नहीं मिली। बुधवार दोपहर भगतराम का बेटा अपने कुछ साथियों के साथ लकड़ी लेन पुरुडीपा जंगल गया तो वहां एक पेड़ में अपने लापता पिता के जैकेट और नीचे पानी बोतल को देखा।
युवक ने ऊपर नजर किया किया तो पेड़ में रस्सी और गमछे से बंधे फंदे पर किसी के शरीर का ऊपरी हिस्सा लटकते पाया। यही नहीं, जामुन पेड़ के नीचे अपने गायब पिता की चप्पल और पैंट को भी पड़े देख उसने आसपास जायजा लिया तो वहां कई हिस्सों में कंकाल मिला। फिर क्या, नरकंकाल की पहचान अपने लापता पिता के तौर पर करने वाले युवक ने इसकी सूचना ग्रामीणों और थाने में दी तो सनसनी फैल गई। वहीं, जंगल में फांसी पर नरकंकाल मिलने की खबर से घटना स्थल पर भीड़ लगने पर पुलिस ने वहां का निरीक्षण करते हुए उसे पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेजवाया।
1 फरवरी से संदिग्ध परिस्थितियों से घर से निकले भगतराम का कंकाल मिलने पर वर्दीधारियों को आशंका है कि करीब 25 रोज पहले उसने फांसी लगाई होगी। धनवार परिवार की माने तो जनवरी में घर जाने वाला भगतराम का सरिया प्लांट में ड्यूटी करने का मन नहीं था और वह शराब पीकर घूमता था। बहरहाल, पूंजीपथरा पुलिस मर्ग कायम कर जांच पड़ताल में जुटी है।