छत्तीसगढ़ के अम्बिकापुर में स्थित मेडिकल कॉलेज अस्पताल में जल्द ही एमआरआई की सुविधा उपलब्ध होगी. 14 करोड़ों की लागत से खरीदी होने वाली मशीन के लिए पहले ही राशि स्वीकृत हो चुकी है और उपकरण खरीदी के लिए अस्पताल प्रबंधन द्वारा राशि जमा कर दी है. इधर अस्पताल प्रबंधन द्वारा MRI (Magnetic Resonance Imaging) उपकरण लगाने के लिए भवन का चिन्हांकन करने के साथ ही भवन में आवश्यक कार्य भी पूर्ण कर ली गई. अस्पताल प्रबंधन की माने तो एक डेढ़ माह के भीतर ही एमआरआई उपकरण जर्मनी से अस्पताल पहुंच जाएगी. जिसके बाद मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भी एमआरआई की सुविधा उपलब्ध हो जाएगी, जिसका लाभ मरीजों को मिलेगा.
मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा का लाभ मिल सके, इसके लिए एक साल के भीतर कई अत्याधुनिक मशीनें उपलब्ध कराई गई है. अस्पताल में पहले ही करोड़ो की लागत से सीटी स्कैन मशीन की सुविधा उपलब्ध हो चुकी है. जिसका लाभ अस्पताल में दाखिल होने वाले मरीजों को मिल रहा है. सीटी स्कैन की भांति गंभीर मरीजों का बेहतर जांच हो इसके लिए अस्पताल प्रबंधन द्वारा एमआरआई की सुविधा उपलब्ध कराने में जुट गई है. एमआरआई उपकरण की खरीदी 14 करोड़ 1 लाख की लागत से की जाएगी. जिसके लिए एसईसीएल की ओर से 7 करोड़ जबकि शेष मेडिकल कॉलेज की ओर से उपलब्ध कराई गई है. मशीन खरीदी के लिए पूरी राशि दे दी गई है जिससे अब केवल उपकरण आने की देर है.
दूसरे प्रदेश जाने की नहीं होगी आवश्यकता
अस्पताल प्रबंधन की माने तो एमआरआई मशीन जर्मनी के विपरो जी कंपनी की है और उपकरण खरीदने की प्रक्रिया भी लगभग पूर्ण हो चुकी है. ऐसे में उम्मीद है कि एक दो माह के के भीतर ही राजधानी की भांति मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एमआरआई की सुविधा उपलब्ध हो जाएगी. मशीन को इंस्टॉल करने के लिए भवन भी उपलब्ध है और भवन में जो कमियां थी उसे भी दूर कर ली गई है. मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एमआरआई की सुविधा हो जाने से मरीजों को रायपुर सहित दूसरे प्रदेश जाने की आवश्यकता नहीं होगी. वर्तमान में सरगुजा संभाग में कहीं भी शासकीय अस्पताल में एमआरआई की सुविधा उपलब्ध नहीं है. ऐसे में गंभीर मरीजों को केवल एमआरआई कराने के लिए शहर के निजी अस्पताल में अलावा बनारस, रायपुर सहित अन्य प्रदेश जाना पड़ता है जिससे मरीज के परिजन पर अधिक भार पड़ता है. जिले में यह सुविधा उपलब्ध हो जाने से परिजन को राहत होगी साथ ही उनके मरीज का कम खर्च में ही एमआरआई हो जाएगी.
क्या है एमआरआई
एमआरआई जिसे मैग्नेटिक रेसोनेट इमेजिंग स्कैन मशीन कहा जाता है. मशीन में मरीज को स्कैन करने में 15 से 90 मिनट तक का समय लगते है. जो इस बात पर निर्भर होता है कि शरीर का कौन सा और कितने बड़े हिस्से स्कैन किया जाना है. एमआरआई रेडिएशन के बजाए मैग्नेटिक फील्ड पर काम करता है जिससे यह एक्स-रे और सीटी स्कैन से अलग है. एमआरआई से काफी दिक्कतों का पता लगाया जा सकता है. जिसमें दिमाग घुटने, रीढ़ की हड्डी सहित शरीर के अलग-अलग हिस्सों में जहां भी सॉफ्ट टिशू होती है उनका एमआरआई स्कैन होता है.
सजग हुआ प्रबंधन
सीटी स्कैन मशीन के भवन में मशीन लगने से पूर्व कई बार तोड़ फोड की नौबत आई थी तब जाकर मशीन को इंस्टॉल किया जा सका. अब प्रबंधन एमआरआई मशीन को इंस्टॉल के लिए काफी सजग हो गई है. मशीन लगने से पूर्व भवन का निर्माण के दौरान बारोक पहलुओं पर नजर रख कमियों को दूर किया है जिससे भवन में तोड़फोड़ की आवश्यकता नहीं होगी.
अलग से लगाए जाएंगे ट्रांसफार्मर
ट्रामा सेंटर, सीटी स्कैन और एमआरआई उपकरण के लिए भवन में अलग विद्युत सुविधा के लिए ट्रांसफार्मर लगाए जाएंगे. 5 सौ केवी ट्रांसफार्मर लगाने के लिए प्रक्रिया चल रहा है. ट्रामा सेंटर, सीटी स्कैन व एमआरआई जांच में किसी प्रकार की विद्युत बाधित न हो इसे ध्यान में रखकर अस्पताल प्रबंधन द्वारा तीनों भवनों में विद्युत सप्लाई देने के लिए अलग से ट्रांसफार्मर लगाने का निर्णय लिया है.
जल्द होगी एमआरआई शुरू
अस्पताल अधीक्षक डॉ. आरसी आर्या ने बताया कि एमआरआई की सुविधा जल्द ही मेडिकल कॉलेज अस्पताल में शुरू होगी. उपकरण खरीदी के लिए राशि उपलब्ध करा दी गई है और चिन्हांकित भवन में भी जो कमियां थी, उसे दूर कर ली गई है. मशीन आने तथा इंस्टॉल होने के बाद मरीजों की जांच शुरू कर दी जाएगी.