छत्तीसगढ़ में शासन स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर बेहद सजग हैं। रायपुर संभागायुक्त डॉ. संजय अलंग ने संभाग के सभी जिला अस्पतालों सहित मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में ईलाज के दौरान मरीजों की मौत का डेथ ऑडिट कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है इस डेथ ऑडिट से मरीज के ईलाज के विभिन्न चरणों का क्रमबद्ध ब्योरा पता लगेगा और ईलाज के दौरान मृत्यु के कारणों को कम करने में मदद मिलेगी।
मिली जानकारी के मुताबिक सोमवार को आयोजित एक बैठक में उन्होंने तकनीकी रूप से मरीजों का गंभीरता से ईलाज करने के निर्देश डॉक्टरों को दिए हैं । डॉ. अलंग ने शिशु मृत्यु, मातृ मृत्यु के साथ-साथ अन्य मरीजों की ईलाज के दौरान मौतों को कम से कम करने के लिए सभी जरूरी उपाय करने के निर्देश भी चिकित्सकों को दिए। संभागायुक्त ने गंभीर मरीजों को समय पर बड़े अस्पतालों को रेफर करने को भी कहा, ताकि समय पर उन्हें उचित ईलाज मिल सके और उनका जीवन बचाया जा सके।
इस बैठक में डॉ. अलंग ने मेडिकल कॉलेजों में ऑपरेशन थियेटरों की व्यवस्था, सर्जिकल उपकरणों के साथ-साथ होने वाले ऑपरेशनों और विशेषज्ञ सर्जन डॉक्टरों की उपलब्धता की जानकारी भी ली। उन्होंने ऑपरेशन थियेटरों को संक्रमण मुक्त रखने के लिए जरूरी व्यवस्थाएं और दवाएं-रसायन आदि की पर्याप्त मात्रा व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं ।
डॉ. अलंग ने जरूरत पड़ने पर ग्रीन कॉरीडोर बनाने की तैयारियों के बारे में भी यातायात पुलिस के अधिकारियों से जानकारी ली। यातायात पुलिस के उप अधीक्षक ने बताया कि कोई भी जरूरतमंद व्यक्ति या अस्पताल एक फोन कॉल पर ग्रीन कॉरीडोर की सुविधा ले सकता है। गंभीर मरीजों के ईलाज या ट्रांसप्लांट के लिए अंगो का परिवहन करने जिला प्रशासन-पुलिस प्रशासन हमेशा सजग और तैयार है।
दुर्ग से लेकर रायपुर तक इसके लिए समर्पित आठ हाइवे पेट्रोलिंग टीम हमेशा तैनात रहती है। उप पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पिछले एक वर्ष में प्रशासन ने 57 बार ग्रीन कॉरीडोर बनाकर गंभीर मरीजों को ईलाज के लिए और अंगो को प्रत्यारोपण के लिए दूसरे शहरों में मरीजों तक निर्धारित समय सीमा से पहले पहुंचाया है। उन्होंने बताया कि जरूरत पड़ने पर व्यक्ति या अस्पताल ग्रीन कॉरीडोर बनाने पुलिस कंट्रोल रूम के फोन नम्बर 94791-91099 या उप पुलिस अधीक्षक यातायात के शासकीय नम्बर 94791-91018 पर फोन कर मांग कर सकते हैं।