रायगढ़। रामलीला मैदान में स्थित जिले की अग्रणी शिक्षण संस्थान किण्डर वैली स्कूल ने बीते गुरुवार को पंजरी प्लांट ऑडिटोरियम में धूमधाम से वार्षिकोत्सव मनाया। इस उत्सव ने बच्चों को अपनी प्रतिभा को प्रकट करने का महत्वपूर्ण अवसर प्रदान किया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि महापौर श्रीमती जानकी काटजू, विशिष्ट अतिथि नगर निगम आयुक्त सुनील कुमार चंद्रवंशी के साथ ही स्कूल के डायरेक्टर हेमंत थवाईत, प्रिंसिपल श्रीमती रीनू थवाईत और बच्चों के अभिभावक भी उपस्थित रहे। “वार्षिकोत्सव के उत्सवी माहौल में, प्रिंसिपल श्रीमती रीनू थवाईत ने अतिथियों का स्वागत करते हुए उन्हें पुष्पगुच्छ से सम्मानित किया। वार्षिकोत्सव की शुरुआत अतिथियों और स्कूल के शिक्षकों द्वारा एक अत्यंत प्रेरणादायक रूप से की गई। शुरुआती अवसर पर अतिथियों ने मां सरस्वती की तस्वीर पर दीप प्रज्वलित करके उनसे आशीर्वाद की प्रार्थना की। इसके बाद, स्कूल की टीचर खुशबू और अंजना ने सरस्वती वंदना की, जिससे मां सरस्वती की महिमा का गुणगान हुआ।”
स्टेज का आकर्षण और माता-पिता की मौजूदगी ने बढ़ाया बच्चों में उत्साह
स्कूल के वार्षिकोत्सव में स्टेज को बेहद खूबसूरती से सजाया गया था जिसने बच्चों में उत्साह को बढ़ाया। रंगीन गुब्बारे, एलइडी बैकग्राउंड, इंद्रधनुषी रोशनी और पसंदीदा कार्टूंस चरित्रों ने स्टेज को एक जीवंत और जोशीला माहौल दिया। स्टेज के आकर्षण और उसके सामने अपने माता-पिता के मौजूदगी ने बच्चों में उत्साह बढ़ा दिया, फिर क्या नन्हे सितारों ने अपनी प्रस्तुतियों में जोश और उत्साह का संदेश देते हुए वार्षिकोत्सव को अविस्मरणीय बना दिया।
वेलकम एंट्री के साथ परफॉर्मेंस की शुरुआत
स्टेज पर वार्षिकोत्सव के पहले परफॉर्मेंस में, नन्हे मुन्ने बच्चों ने सामूहिक रूप से एक अद्भुत प्रस्तुति दी। उन्होंने “वेलकम’ गीत पर रंग-बिरंगी ड्रेस जिसपर अंग्रेजी में वेलकम लिखा था उसे पहनकर नृत्य के साथ सभी अतिथियों का स्वागत किया। बच्चों के इस नटखट परफॉर्मेंस पर खूब तालियां बजी। “देश मेरा रंगीला” में शिवानी पाण्डेय ने अपने नृत्य के माध्यम से रंग-बिरंगे भारतीय संस्कृति और विविधता को जीवंत किया। शिवानी ने अपने नृत्य के माध्यम से दर्शकों को भारतीय रंग-बिरंगे विरासत का एहसास कराया वही छात्र अयान पटेल ने शानदार स्पीच के साथ अतिथियों और अभिभावकों का वेलकम किया।
भारतीय संस्कृति में बच्चों की समृद्ध प्रस्तुतियाँ
बच्चों ने भारतीय संस्कृतियों की समृद्धता और विविधता को सजीव बनाते हुए, गुजराती, कश्मीरी, पंजाबी, मद्रासी, राजस्थानी, हरियाणवी गीतों पर अपनी शानदार प्रस्तुती दी। उन्होंने अलग-अलग संस्कृतियों की पोषाकों को पहनकर एकता का संदेश दिया। इस प्रस्तुती में, उनके नृत्य ने संगीत की मधुर धुनों पर नजरिया बदल दिया था। उन्होंने विभिन्न संस्कृतियों के संगीत का उच्चारण किया, जो एक अद्भुत और सुंदर संदेश बना। बच्चों के इस प्रस्तुति ने उपस्थित सभी लोगों का मन मोह लिया।
रेट्रो अंदाज में थिरके नन्हें सितारे
बच्चों की एक अद्वितीय प्रस्तुती में, वे पुराने गानों को नये अंदाज में पेश करते हुए मंच पर थिरक उठे। इस खास प्रस्तुती में उन्होंने ‘ये चांद सा रोशन चेहरा’ और ‘जय जय शिव शंकर’ जैसे पुराने गानों में नये अंदाज में नृत्य किया, जिससे दर्शकों का खूब मनोरंजन हुआ।साथ ही, एक जंगल थीम पर आधारित ‘जंगल- जंगल बात चली है पता चला है’ गाने में बच्चे अलग-अलग जानवरों की वेशभूषा में नृत्य करते नजर आए। हाथी, भालू, बंदर, शेर, जिराफ और अन्य जानवरों की भूमिकाओं में बच्चों ने अपनी खास अदाओं का प्रदर्शन किया। इसके अलावा, सामूहिक प्रस्तुति में कुछ बच्चों ने हनुमान और गणेश जी के वेश में जय हनुमान और देवा जय गणेशा गीत पर धार्मिक नृत्य प्रस्तुत किया वही स्कूल के नन्ही छात्राओं ने बार्बी डॉल के ड्रेस में नृत्य कर समा बांध दिया। इसके अलावा कहीं ऐसी खास प्रस्तुतियां बच्चों ने दी जिससे ऑडिटोरियम में खुब तालियां बजी।
नारी सशक्तिकरण पर जागरूक प्रस्तुति
छोटी-छोटी बच्चियों ने अपनी प्रस्तुती में नारी सशक्तिकरण, भ्रूण हत्या, और बेटी बचाव के महत्त्व को सबके सामने पेश किया। उन्होंने इस महत्त्वपूर्ण समस्या पर प्रकाश डालते हुए विविधता और संदेश को सुंदर ढंग से पेश किया। इन प्यारी बच्चों की प्रस्तुती ने कुछ पल के लिए सभी को इस बारे में सोचने के लिए मजबूर किया। ऑडिटोरियम में उनके नृत्य से उठी तालियों की गूंज ने सभी के दिलों में अद्भुत छाप छोड़ी। यह अद्भुत प्रस्तुती न केवल आत्मविश्वास की भावना जगाई, बल्कि समाज में जागरूकता और संदेश को प्रोत्साहित किया। दर्शकदीर्घा में बैठे अभिभावकों ने खुशी से भरी आँखों से अपने बच्चों के प्रस्तुती का आनंद उठाया। यह इस समारोह का अद्भुत हाइलाइट था जिसने सभी को गर्वान्वित किया।
नारी सशक्तिकरण पर जागरूक प्रस्तुति
छोटी-छोटी बच्चियों ने अपनी प्रस्तुती में नारी सशक्तिकरण, भ्रूण हत्या, और बेटी बचाव के महत्त्व को सबके सामने पेश किया। उन्होंने इस महत्त्वपूर्ण समस्या पर प्रकाश डालते हुए विविधता और संदेश को सुंदर ढंग से पेश किया। इन प्यारी बच्चों की प्रस्तुती ने कुछ पल के लिए सभी को इस बारे में सोचने के लिए मजबूर किया। ऑडिटोरियम में उनके नृत्य से उठी तालियों की गूंज ने सभी के दिलों में अद्भुत छाप छोड़ी। यह अद्भुत प्रस्तुती न केवल आत्मविश्वास की भावना जगाई, बल्कि समाज में जागरूकता और संदेश को प्रोत्साहित किया। दर्शकदीर्घा में बैठे अभिभावकों ने खुशी से भरी आँखों से अपने बच्चों के प्रस्तुती का आनंद उठाया। यह इस समारोह का अद्भुत हाइलाइट था जिसने सभी को गर्वान्वित किया।
बच्चों का नृत्य देख माता-पिता भी झूमे
स्कूल के वार्षिकोत्सव के मौके पर, बच्चों का नाच देखकर उनके माता-पिता की पलकें भी झूम उठी। उनका उत्साह और खुशी देखकर वे भी नाचने-गाने के मूड में आ गए। कुछ लोगों ने अपने मन की बात कही तो किसी ने अपने बेटे के साथ नाचकर अपने भावनाओं को संगीत और नृत्य के माध्यम से अभिव्यक्त किया। इस अद्भुत संगीत और नृत्य के जज्बे ने वार्षिकोत्सव को और भी रंगीन बना दिया, जिससे सभी उपस्थित लोग एक नए और खुशहाल माहौल में खो गए। उद्घोषक तनय जैन ने वार्षिकोत्सव में अपनी ऊर्जा से माहौल को जीवंत किया। उनके उत्साह और रोचक क्विज और खेल ने वार्षिकोत्सव को और भी रोचक और यादगार बना दिया।
उत्कृष्ट प्रतिभा का सम्मान
कार्यक्रम में प्रदर्शन करने वाले बच्चों को चीयरफुल स्टूडेंट, डिसिप्लिन स्टूडेंट, मोस्ट हेल्पफुल स्टूडेंट, टीम प्लेयर, मोस्ट शेयरर्स स्टूडेंट का अवार्ड दिया गया। फैंसी ड्रेस और स्पोर्ट्स कैटेगरी में भी टॉपर्स बच्चे पुरस्कृत हुए। बच्चों को मेयर श्रीमती जानकी काटजू, डायरेक्टर हेमंत थवाईत, प्रिंसिपल श्रीमती रीनू थवाईत, एमआईसी सदस्य श्रीमती रंजना पटेल और अतिथियों ने ने प्रमाण-पत्र और मेडल से सम्मानित किया। इसके साथ ही कुछ अभिभावकों को को-आपरेटिव पेरेंट्स और एक्टिव पेरेंट्स का सम्मान दिया गया। वहीं स्कूल की टीचर नम्रता, अंजना और खुशबू को बेस्ट टीचर और अहिल्या निषाद को बेस्ट को-ऑपरेटिव स्टाफ के अवार्ड से श्रीमती थवाईत ने सम्मानित किया। इस दौरान, अभिभावकों ने केवल कार्यक्रम की प्रशंसा ही नहीं की, बल्कि उन्होंने बच्चों में स्कूल द्वारा दिए गए अनुशासन की भी सराहना की।
महापौर जानकी काटजू ने बच्चों की प्रतिभा की प्रशंसा की
खुशनुमा अवसर पर महापौर श्रीमती जानकी काटजू ने बच्चों की प्रतिभा की प्रशंसा की। उन्होंने स्कूल प्रबंधन को सराहा और कहा कि किंडर वेली स्कूल बच्चों की बौद्धिक क्षमता और प्रतिभा को निखारने में कामयाब हो रही है, जो उन्हें मंच पर दिखाई दे रहा है। उन्होंने स्टेज पर उन बच्चों की आत्मविश्वासी प्रस्तुतियों की सराहना की और कहा कि ऐसे कार्यक्रम हमेशा जारी रखने चाहिए, क्योंकि इससे बच्चों का सम्पूर्ण विकास होता है।
चंद्रवंशी ने स्कूल प्रबंधन को बधाई दी
नगर निगम आयुक्त सुनील कुमार चंद्रवंशी ने स्कूल के वार्षिकोत्सव में बच्चों और स्कूल प्रबंधन की मेहनत की सराहना की। उन्होंने कहा कि वार्षिकोत्सव में बच्चों को अपनी कला और प्रतिभा दिखाने का अच्छा मौका मिलता है और पैरेंट्स को भी बच्चों का टैलेंट देखने का अवसर मिलता है। उन्होंने स्कूल प्रबंधन की उपलब्धियों की प्रशंसा की और उन बच्चों को आशीर्वाद देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।
गार्जियन बच्चों को मोबाइल से दूर रखें
किण्डर वैली की प्रिंसिपल श्रीमती रीनू थवाईत ने कार्यक्रम समाप्ति के दौरान स्कूल की प्रगति पर ध्यान केंद्रित करते हुए कहा कि हमारा उद्देश्य शैक्षणिक उत्कृष्टता के साथ-साथ बच्चों का समग्र विकास है। श्रीमती थवाईत ने स्पष्ट किया कि स्कूल में हर बच्चा बराबरी से महत्वपूर्ण है। उन्होंने पिछले चार सालों में बच्चों के माता-पिता के साथ विश्वास बनाया है जो स्कूल की बड़ी उपलब्धि है। उनका उद्देश्य है कि वे आगे भी बच्चों के छुपे हुए कौशल को निखारें। उन्होंने शिक्षकों और बच्चों की मेहनत की प्रशंसा की। इसके साथ ही, उन्होंने माता-पिता से कहा की कि वे अपने बच्चों को मोबाइल फोन से दूर रखें और उनके साथ अधिक समय बिताएं। उन्होंने स्कूल के टीचर्स नम्रता चौहान, अंजना सिदार, खुशबू जोगी, रामेश्वरी साहू, स्कूल स्टाफ अहिल्या निषाद, निधी शर्मा समेत सभी पेरेंट्स और सपोर्टर्स को आयोजन में योगदान के लिए धन्यवाद दिया।
किण्डर वैली प्ले स्कूल के वार्षिकोत्सव की कहानी, तस्वीरों की जुबानी
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