संकुल स्तरीय कबाड़ से जुगाड़ में अव्वल रहा शासकीय प्राथमिक शाला बुटीपारा

सारंगढ़
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शून्य निवेश या कम लागत में शिक्षण सहायक सामग्री (Teaching Learning Material) तैयार करने की विधि (जिसके माध्यम से बच्चे खेल-खेल में  शिक्षा प्राप्त करते हैं।) को हम कबाड़ से जुगाड़ की अवधारणा कह सकते हैं।  इस विधि के माध्यम से हम कई तरह की चीजें बना सकते हैं जिनमें से सबसे महत्वपूर्ण है।इसी कड़ी में सारंगढ़ विकासखंड का विद्यालय शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला बुटीपारा में संकुल स्तरीय कबाड़ से जुगाड़ प्रतियोगिता रखी गई ,प्रतियोगिता में विविध विद्यालय के विद्यार्थियों ने कबाड़ से जुगाड़ की अनोखी पहल की ,अपशिष्ट से सर्वश्रेष्ठ का निर्माण किया ।शासकीय प्राथमिक शाला बुटीपारा हमेशा सुर्खियों में रहने वाला विद्यालय है, प्रधान पाठक प्रियंका गोस्वामी के बेहतरीन नेतृत्व और शानदार मार्गदर्शन में विद्यार्थियों ने
उद्यान झूला -वंदना मुंडा, घर कैसे कैसे -तानिया कुम्हार,मोक्ष कुम्हार, प्रिंट रिच वातावरण-धारा कुमारी सिदार,चन्द्रयान-3 नन्दनी बरेठ,सिद्धि यादव, हमारे काम धंधे के औजार-सारिका यादव,वेदान मुंडा, प्रिंस मुंडा, शिवम मुंडा,कुलदीप मुंडा,प्रेम मुंडा, मुस्कान सिदार, हालर चक्की-पुनीत मालाकार, पवन चक्की-सत्यम कुम्हार, राकेट-प्रेम माली द्वारा बनाया और प्रदर्शन किया गया ।शासकीय प्राथमिक शाला बुटीपारा अव्वल रहा।द्वितीय स्थान शासकीय प्राथमिक शाला बिरसिंगडीह ,तृतीय स्थान शासकीय प्राथमिक शाला कँवलाझर रहा।वहीं मिडिल स्तर से शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला बुटीपारा प्रथम एवम शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला बिरसिंगडीह द्वितीय स्थान पर रहे ।
विद्यार्थियों ने प्लास्टिक की बोतलें, कार्डबोर्ड, पेन का इस्तेमाल किया,” स्कूल की शिक्षा मंत्री धारा सिदार ने उस लकड़ी के झूले को दिखाते हुए कहा, जिसे उन्होंने उससे तैयार किया था।
सभी विद्यार्थियों ने अखबार, प्लास्टिक की बोतलें, ऊन, कार्डबोर्ड और प्रयुक्त पेन जैसी अपशिष्ट सामग्रियों की एक थीम दी गई थी। समूहों से कहा गया कि वे बेझिझक इससे कुछ भी बना सकते हैं। उन्होंने फूलों के बर्तन, फोटो फ्रेम, विंड चाइम, ऊन, कांच की चूड़ियाँ और टोकरियाँ बनाई हैं। उनकी विशिष्ट रचना प्लास्टिक की बोतलों से बना एक अति भव्य चंद्रयान है। सभी विद्यार्थी एक-दूसरे के भीतर रचनात्मकता खोजने के लिए उत्साहित थे। उन्होंने उस पर निर्माण शुरू कर दिया।प्रधान पाठक प्रियंका गोस्वामी को पूछने पर उन्होंने बताया, उन्होंने अपशिष्ट से सर्वश्रेष्ठ की अवधारणा को बच्चों के मन में सहज तरीके से समझाया है, इनकी प्रेरणा से प्रभावित विद्यार्थियों ने कबाड़ से जुगाड़ की विचार को बड़े समूह के साथ मिला दिया। अब, अधिक छात्र उसी गतिविधि में रुचि लेने लगे। वे अपने स्कूल से दिन-प्रतिदिन के अपशिष्ट पदार्थों का उपयोग कर रहे हैं। उन्होंने स्कूल को और अधिक साफ-सुथरा रखने के लिए स्कूल में अद्भुत वस्तुएँ भी बनाएं हैं ।
निर्णायक दल में सेवा निवृत्त शिक्षक श्री रतन कुमार गोपाल और शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला बुटीपारा प्रबंध समिति अध्यक्ष आशीष कुमार पांडेय रहे।बुटीपारा संकुल समन्वयक श्री ज्योतिप्रकाश खेस्स ,अभिषेक पुरी गोस्वामी शिक्षक,प्रज्ञा पांडेय शिक्षक,लता यादव शिक्षक,रेखा यादव सहायक शिक्षक एल बी , चन्द्रकांति स्वर्णकार सहायक शिक्षक एल बी, ग्लोरिया कुजूर , शशिकांत तिवारी ,भवानी सिंह पैंकरा,हरि शंकर देवांगन,शिव कुमार स्वर्णकार उपस्थित रहे ।सभी विजेता और प्रतिभागी विद्यार्थियों को प्रतियोगिता स्थल पर ही कप ,क़लम देकर सम्मानित किया गया ।संकुल समन्वयक ज्योतिप्रकाश खेस्स ने सभी विजेता और सभी प्रतिभागी विद्यार्थियों को शुभकामनाएं प्रेषित की हैं ।