मणिपुर हिंसा पर पीएम मोदी के बयान पर अड़ा विपक्ष, सरकार के खिलाफ कल ला सकता है अविश्वास प्रस्ताव

विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के कुछ घटक दल लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला सकते हैं। बुधवार को यह प्रस्ताव लाया जा सकता है। ‘इंडिया’ के घटक दलों के नेताओं की मंगलवार सुबह हुई बैठक में अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिए जाने के संदर्भ में चर्चा की गई। सूत्रों ने बताया कि मणिपुर के मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर संसद के भीतर बयान देने का दबाव बनाने के कई विकल्पों पर विचार करने के बाद यह फैसला किया गया कि अविश्वास प्रस्ताव ही सबसे कारगर रास्ता होगा जिसके जरिए सरकार को इस मुद्दे पर चर्चा के लिए विवश किया जा सकेगा। विपक्ष से जुड़े सूत्रों का यह भी कहना है कि राज्यसभा के भीतर भी मणिपुर के विषय को लेकर सरकार को घेरने का सिलसिला जारी रहेगा। 

गतिरोध दूर करने के लिए बुलाई गई बैठक बेनतीजा
वहीं, मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर लोकसभा में जारी गतिरोध मंगलवार को भी जारी रहा और इस मुद्दे पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की ओर से बुलाई गई बैठक में सत्ता पक्ष और विपक्ष अपने-अपने रुख पर अड़े रहे। संसद का मानसून सत्र शुरू होने के बाद से ही विपक्षी दलों के सदस्य मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर सदन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बयान और फिर चर्चा कराने की मांग कर रहे हैं। वहीं सरकार का कहना है कि इस मुद्दे पर वह चर्चा को तैयार है जिसका जवाब गृह मंत्री अमित शाह देंगे। इसके कारण संसद के दोनों सदनों में कामकाज बाधित है। सूत्रों ने बताया कि मानसून सत्र शुरू होने के बाद से ही निचले सदन में इस मुद्दे पर गतिरोध को देखते हुए लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने मंगलवार को अपने कक्ष में सभी दलों की बैठक बुलाई। सूत्रों के अनुसार, बिरला ने सभी नेताओं से इस विषय पर पुनः अपनी पार्टी में चर्चा करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर एक बार फिर बैठक की जाएगी। 

‘सरकार मणिपुर मुद्दे पर चर्चा को तैयार’
बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा, ”सदन के सामने देश हित से जुड़े कई विधेयक और मुद्दे चर्चा के लिए लंबित हैं।” उन्होंने कहा, ”सरकार कोई भी विधेयक बिना चर्चा के पारित नहीं करना चाहती है और हर मुद्दे पर व्यवस्थित और रचनात्मक तरीके से चर्चा कराना चाहती है।” केंद्रीय मंत्री ने कहा, ” मैं विपक्ष से एक बार फिर सदन चलाने में सहयोग देने की अपील करता हूं।” प्रह्लाद जोशी ने कहा, ”लोकसभा अध्यक्ष जब भी निर्णय करेंगे हम मणिपुर के मुद्दे पर चर्चा करने को तैयार हैं और अगर वह कल चर्चा कराने का निर्णय करते हैं तो हम तब भी तैयार हैं।” उन्होंने कहा कि चर्चा के बाद गृह मंत्री (अमित शाह) इसका विस्तृत जवाब देंगे। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि महिलाओं पर अत्याचार हों या दलितों पर अत्याचार हों, इसे लेकर राजस्थान के सांसद भी चर्चा की मांग कर रहे हैं और इस बारे में लोकसभा अध्यक्ष को निर्णय करना है।