ग्राम दर्रामुड़ा में श्री शिवमहापुराण कथा का भव्य आयोजन : स्वर्गीय जमुना बाई पटैल को भावपूर्ण श्रद्धांजलि

खरसिया, 23 अप्रैल। खरसिया के ग्राम दर्रामुड़ा में गौतम चौक के समीप, पटैल परिवार द्वारा स्वर्गीय जमुना बाई पटैल की स्मृति में श्री शिवमहापुराण कथा का भव्य और भक्तिमय आयोजन किया जा रहा है। यह सात दिवसीय कथा समारोह भगवान शिव की महिमा और भक्ति से सराबोर है, जिसमें छत्तीसगढ़ के प्रख्यात कथा प्रवक्ता पंडित दीपककृष्ण महाराज (ग्राम-घघरा, खरसिया) अपनी मधुर वाणी से श्रद्धालुओं को भक्ति के रंग में रंग रहे हैं। 23 अप्रैल 2025 को कथा के सप्तम दिवस पर सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु इस आयोजन में शामिल हुए। कथा के दौरान सुंदर झांकियां, भक्तिमय भजन, और प्रसाद वितरण ने समारोह को और भी दिव्य बना दिया। कथा का सीधा प्रसारण पंडित दीपककृष्ण महाराज के यूट्यूब चैनल पर किया जा रहा है, जिससे दूर-दराज के भक्त भी इस कथा का लाभ उठा रहे हैं।

पंडित दीपककृष्ण महाराज का मंत्रमुग्ध कर देने वाला कथा वर्णन
पंडित दीपककृष्ण महाराज ने सप्तम दिवस पर त्रिपुरासुर वध, तुलसी महिमा, और द्वादश ज्योतिर्लिंग की कथा का वर्णन किया। उनकी वाणी में भक्ति, ज्ञान, और भावनाओं का ऐसा समन्वय था कि श्रोता मंत्रमुग्ध हो गए। त्रिपुरासुर वध की कथा में भगवान शिव की राक्षसों पर विजय और धर्म की स्थापना को उन्होंने रोचक ढंग से प्रस्तुत किया। तुलसी महिमा में तुलसी के धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व को उजागर करते हुए उन्होंने भक्तों को तुलसी पूजन की प्रेरणा दी। इसके बाद द्वादश ज्योतिर्लिंग की कथा में भगवान शिव के पवित्र तीर्थों की महिमा का वर्णन किया, जिसने श्रद्धालुओं के मन में भक्ति की लहर पैदा कर दी। कथा के दौरान सुंदर-सुंदर झांकियां प्रस्तुत की गईं, जो कथा के दृश्यों को जीवंत बना रही थीं। भक्तिमय भजनों ने माहौल को और भी उत्साहपूर्ण बना दिया, जिसमें श्रद्धालु झूमने और नाचने लगे।

स्वर्गीय जमुना बाई पटैल को भावपूर्ण श्रद्धांजलि
कथा के दौरान एक भावुक क्षण तब आया जब पंडित दीपककृष्ण महाराज ने स्वर्गीय जमुना बाई पटैल को याद किया। उन्होंने जमुना बाई के साथ बिताए पलों को साझा करते हुए उनकी ममता, दयालुता, और भक्ति की भावना को हृदयस्पर्शी शब्दों में व्यक्त किया। पंडित जी ने कहा, “माता जमुना बाई का जीवन भक्ति और परिवार के प्रति समर्पण का प्रतीक था। उनकी स्मृति में यह कथा आयोजन उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है।” इस दौरान उन्होंने श्रद्धालुओं के साथ मिलकर जमुना बाई की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। यह क्षण इतना भावपूर्ण था कि पटैल परिवार सहित सभी श्रद्धालुओं की आंखें नम हो गईं। यह श्रद्धांजलि कथा के सबसे मार्मिक और यादगार पलों में से एक बन गई, जिसने उपस्थित सभी के हृदय को छू लिया।

भक्ति, उत्साह और सामुदायिक सहयोग का अनुपम संगम
कथा आयोजन में प्रतिदिन संध्या आरती के पश्चात प्रसाद वितरण और भोजन की व्यवस्था की जा रही है, जो भक्तों के प्रति आयोजकों की सेवा भावना को दर्शाता है। कथा के अंत में चढ़ोत्री की रस्म ने समारोह को और भी पवित्र बना दिया। इस आयोजन में समस्त ग्रामवासियों, वरिष्ठजनों और युवाओं का सहयोग सराहनीय रहा, जिन्होंने व्यवस्था को सुचारु बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कथा स्थल पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ ने इस आयोजन की लोकप्रियता और भक्ति के प्रति लोगों के उत्साह को दर्शाया। भक्तों का उत्साह और भक्ति का माहौल देखकर यह स्पष्ट था कि यह आयोजन न केवल धार्मिक, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक एकता का भी प्रतीक है।

पटैल परिवार की पहल : भक्ति और स्मृति का अनूठा आयोजन
पटैल परिवार द्वारा स्वर्गीय जमुना बाई पटैल की स्मृति में आयोजित यह श्री शिवमहापुराण कथा न केवल भक्ति का केंद्र बनी, बल्कि एक माँ के प्रति उनके प्रेम और सम्मान को भी व्यक्त करती है। इस आयोजन ने ग्राम दर्रामुड़ा को भक्ति के रंग में रंग दिया और पंडित दीपककृष्ण महाराज की कथा ने इसे और भी यादगार बना दिया। यह कथा समारोह न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि सामुदायिक एकता, पारिवारिक मूल्यों, और श्रद्धा का भी प्रतीक है। हर-हर महादेव के जयघोष के साथ यह आयोजन श्रद्धालुओं के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव बन गया है।