खरसिया। 10 जनवरी 2025 को हिंदी विभाग में विश्व हिंदी दिवस मनाया गया. दिवस का मुख्य विषय – “मेरा प्रिय साहित्यकार” था. विभागाध्यक्ष हिंदी डॉ रमेश टंडन के संयोजन एवं दिशा निर्देशन में मंचासीन छात्रों ने माँ शारदे की पूजा की. देवलता साहू और डिगेश्वरी दर्शन ने छत्तीसगढ़ी राज्य गीत की प्रस्तुति दी, स्वागत उपरांत डॉ आर के टंडन ने यूरेशिया, भारोपीय, भारत ईरानी, भारतीय आर्य भाषा, वैदिक संस्कृत, लौकिक संस्कृत, शौरशेनी अपभ्रंश, पश्चिमी हिंदी से खड़ी बोली हिंदी की यात्रा को विस्तार से बताया।
विशिष्ट अतिथि तोष कुमारी साहू सूरदास के बारे में मुखरित हुई. विशिष्ट अतिथि जीतू जोशी ने हिंदी को विश्व पटल पर स्थापित करने में किये जा रहे प्रयास पर प्रकाश डाला. वक्ता कौशल दास ने विश्व स्तर पर हिंदी की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए अंग्रेजी की स्थिति को भी रेखांकित किया. अध्यक्ष की आसंदी से उमा साहू ने छात्रों को संबोधित करते हुए अधिक से अधिक हिंदी भाषा को व्यवहार में लाने की बात कही।
मुख्य अतिथि के रूप में छात्रा डिगेश्वरी दर्शन ने छात्रों को संबोधित करते हुए कबीरदास के बारे कहा कि ऐसी वाणी बोलिए मन का आपा खोय, औरन को शीतल करे आप ही शीतल होय. साथ ही सुश्री दर्शन ने हिंदी के महत्व और उपयोगिता पर प्रकाश डाला. मंच सञ्चालन करते हुए यामिनी राठौर ने कहा कि संस्कृत से जन्मी है हिंदी, शुद्धता का प्रतीक है हिंदी, लेखन और वाणी दोनों को गौरवान्वित करती है हिंदी. एम ए प्रथम सेमेस्टर की छात्र डिलेश्वरी साहू ने मंचासीन छात्रों का आभार व्यक्त किया।
कुंती सिदार, निशा सिदार, राजकुमारी सिदार, पुष्पा नागवंशी, विनायक पटेल, कौशल दास के व्यवस्थापन में आयोजित कार्यक्रम के दौरान विभागीय एवं अन्य छात्रों पुष्पा नागवंशी, मनोज कुमार बैगा, कौशल दास, विनायक पटेल, निशा सिदार, कुंती सिदार, राजकुमारी सिदार, देवलता साहू, डिगेश्वरी दर्शन, कविता यादव, रेशमा महंत, संध्या जायसवाल, अंजुलता, शिवानी, प्रीति राठिया, नर्मदा राठिया, डिलेश्वरी साहू, तोष कुमारी साहू, उमा साहू, जीतू जोशी, सुनिता राठिया और यामिनी राठौर आदि की सक्रिय उपस्थिति रही।