रायगढ़, 7 जनवरी 2025/ महिला स्व-सहायता समूह के सामाजिक एवं आर्थिक विकास के लिए छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन ‘बिहान’ के द्वारा क्षेत्रीय सरस मेला-2025 का आयोजन जिले के शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी स्टेडियम, रायगढ़ में किया जा रहा है। जिसमें महिला स्व-सहायता समूहों के द्व्रारा निर्मित उत्कृष्ट उत्पादों का प्रदर्शन एवं विक्रय किया जा रहा है। सरस मेला में छत्तीसगढ़ के साथ-साथ अन्य राज्यों के पारम्परिक कलाकृति एवं उत्पाद को बढ़ावा मिल रहा है। सरस मेला में प्रतिदिन लोगों की भीड़ उमड़ रही है।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा क्षेत्रीय सरस मेला का आयोजन 12 जनवरी तक रायगढ़ में किया जा रहा है। जहां अन्य राज्यों जैसे असम, बिहार, झारखंड, पंजाब, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र से भी विशिष्ट उत्पाद आए हुए है। जिनमें मुख्य रूप से झारखंड से मुख वास, कैंडी, पाचक, कोसा सिल्क के सूट, साड़ी, लोहे से बने सिलबट्टा, तवा कड़ाई, कुल्हाड़ी, झारा, हाशिया, चिमटी, डाबली, पैसिल आदि शामिल है। जिनमें से अब तक झारखंड से लगभग 1 लाख से अधिक की बिक्री की गई है। मध्य प्रदेश से साड़ी शूट मार्बल के उत्पाद जैसे मूर्ति की रिंग, ख़लबत्ता, हाथ के ब्रेसलेट, मार्बल पेन, मार्बल माला, जूट बैग, कॉटन के कपड़ा, जड़ी बूटी आदि उत्पादों का 1 लाख 20 हजार से अधिक की बिक्री हुई।
हरियाणा से साड़ी शूट, कपड़े के जूती, मुख वास पाचक, आमला कैंडी मिस सीड आदि उत्पादों का 44 हजार से अधिक की बिक्री हुई। वहीं पंजाब से पंजाबी शूट कपड़े आदि उत्पादों का 40 हजार से अधिक की बिक्री हुई। महाराष्ट्र से खाखरा, काला मुनका, पुदीना शेव, भाखरवाड़ी, रोस्टेड ज्वार, बाजरा गेहूं, मूंग दाल पापड़, रागी बूंदी, लहसुन चटनी, रागी नड्डा आदि उत्पादों का 1 लाख 7 हजार से अधिक की बिक्री हुई। असम से खादी कॉटन के आसमी शूट आदि, उत्तर प्रदेश से सिल्क खादी कॉटन कपड़े के साड़ी शूट आदि उत्पादों का 1 लाख से अधिक की बिक्री हुई।
बिहार से कोसा कॉटन सिल्क कपड़े के साड़ी शूट दुपट्टा, जूट के बैग, कालीन, कार्पेट आदि उत्पादों का 1 लाख 2 हजार से अधिक की बिक्री हुई। इस तरह सरस मेला में आए बाहर के सभी राज्यों की कुल बिक्री अब तक लगभग 6 लाख 12 हजार से अधिक की हो चुकी है। इन सभी राज्यों की अपनी अपनी पारम्परिक पहचानों की ख्याति को इस सरस मेला में भी दर्शाया गया है।