Mig-29 की जगह Su-75 फाइटर जेट खरीदे भारत, रूस चाहता है ऐसा, जानें- क्यों पीछे हाथ खींच रही दिल्ली?

Russian Su-75 Checkmate Fighter Jets: भारत और रूस के बीच स्ट्रेटेजिक डिफेंस पार्टनरशिप है, जिसमें सैन्य तकनीकी सहयोग, ज्वॉइन्ट वेंचर और संयुक्त सैन्य अभ्यास शामिल हैं. रूस से भारत अपनी रक्षा जरूरतों के सैन्य सामान खरीदता है. अभी Su-75 फाइटर जेट डील चर्चा में है, रूस चाहता है भारत Mig-29 की जगह Su-75 फाइटर जेट खरीदे, लेकिन दिल्ली इससे हाथ पीछे खींच रही है. आइए जानते हैं क्यों. बता दें कि Su-75 सिंगल-इंजन लाइट टैक्टिकल फाइटर जेट है, जिसे ‘चेकमेट’ उपनाम दिया गया. रूस ने इसे अमेरिकी F-35 फाइटर जेट से मुकाबला करने के मकसद से बनाया.

Su-75 का प्रोटोटाइम भी तैयार नहीं

अमेरिका का F-35 फाइटर जेट रक्षा खरीदार देशों की पहली पसंद बना हुआ है. इसे देखते हुए रूस ने Su-75 को लॉन्च करने का फैसला किया, लेकिन रूसियों को अभी भी Su-75 फाइटर जेट के साथ समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. यही वजह है कि फाइटर जेट के डेवलपमेंट में देरी हो रही है. खबरें बताती हैं कि अभी तक इस फाइटर जेट का एक भी प्रोटोटाइप बनकर तैयार नहीं हुआ है. 

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डील से दिल्ली ने क्यों पीछे खींचे हाथ?

शुरुआत में भारत ने Su-75 फाइटर जेट प्रोजेक्ट में रूस का सहयोग किया था, लेकिन फिर विमान की टेक्नोलॉजी और डिजाइन के ट्रांसफर को लेकर विवाद हो गया. बाद में दिल्ली ने इससे हाथ खींच लिए, जिससे मॉस्को को बहुत झटका लगा. रूस को उम्मीद थी कि भारत Su-75 फाइटर जेट्स का बड़ा खरीदार हो सकता है. वहीं संयुक्त अरब अमीरात भी रूस के इस प्रोजेक्ट से पीछे हट गया है.

रूस क्यों चाहता है भारत खरीदे Su-75

भारत और संयुक्त अरब अमीरात के पीछे हटने से रूस के सामने इस प्रोजेक्ट के लिए फंडिंग को लेकर आगे समस्या खड़ी हो सकती है. यही वजह है कि रूस चाहता है कि भारत Su-75 फाइटर जेट डील का हिस्सा बन रहे. इसके रूस ने भारत को लागत में कटौती करने का भी ऑफर दिया. यह घोषणा ‘भारत को बातचीत की मेज पर वापस लाने’ के लिए की गई है. फिर भी भारत ने इस डील में अधिक उत्साह नहीं दिखाया. वह अपने दो स्वदेशी फाइटर जेट्स AMCA और तेजस MK-2 को बनाने पर पूरा जोर दे रहा है. 

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2021 में लॉन्च हुआ था Su-75 का मॉडल

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भारत के अलावा अन्य खरीदार देश रूस के Su-75 फाइटर जेट में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं, क्योंकि रूस अभी तक इस फाइटर जेट का प्रोटोटाइप भी नहीं बना पाया है. जबकि रूस ने 2021 में फिफ्थ जनरेशन के इस फाइटर जेट का पहली बार अनावरण किया था. उसने MAKS 2021 इंटरनेशनल एविएशन एंड स्पेस शो में इसके डिजाइन और मॉडल को दिखाया था.

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रूस ने Su-75 को लेकर किए थे बड़े दावे

तब रूस ने Su-75 फाइटर जेट को लेकर बड़े-बड़े दावे किए थे. रूस ने कहा था कि ये फाइटर जेट स्टील्थ टेक्नोलॉजी का उपयोग करने का बनाया जाएगा. यह फाइटर जेट मैक 1.8 की रफ्तार से आसमान में उड़ान भर सकेगा. इसकी ऑपरेशनल रेंज 2800 किलोमीटर होगी. इसके अलावा 7,400 किलोग्राम कॉम्बेट लोड (गोला-बारूद और हथियार) ले जा सकेगा. इसके सामने दुश्मन का कोई भी जेट नहीं टिक पाएगा. Su-75 प्रोटोटाइप 2023 में अपनी पहली उड़ान भरेगा और 2026 में बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरू होगा. हालांकि, ऐसा नहीं हुआ है, Su-75 प्रोटोटाइप अभी भी अधूरा है. यही वजह है कि भारत इस डील में कम रूचि ले रहा है.

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