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छत्तीसगढ़ के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश से जनजीवन प्रभावित हुआ है। खासकर बस्तर संभाग में भारी बारिश से हालात बिगड़ गए हैं। वहीं मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे के दौरान छत्तीसगढ़ के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग का कहना है कि छत्तीसगढ़ में अगले 48 घंटों तक मौसम खराब रहेगा। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों के लिए दंतेवाड़ा, सुकमा, बीजापुर और नारायणपुर जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।
भारी बारिश से इंद्रावती नदी का जलस्तर भी खतरे के निशान 7.200 मीटर के करीब पहुंच गया है। बारिश के कहर से सुकमा जिले में नदी-नाले उफान पर हैं। शबरी नदी का जलस्तर बढ़ गया है। तेलंगाना के भद्राचलम में गोदावरी नदी उग्र रूप दिखा रही है, जिससे शबरी नदी में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। कोंटा में शबरी नदी का जलस्तर 12 मीटर दर्ज किया। पहला चेतावनी लेवल 13.500 मीटर है। वहीं भद्राचलम में गोदावरी नदी का जलस्तर 35 फीट पर पहुंच गया है।
शबरी नदी के उफान पर आने से कोंटा का संपर्क जिला मुख्यालय के साथ ही आंध्रप्रदेश और तेलंगाना से कट गया है। करीब 70 गांव प्रभावित हुए हैं। इधर पोलावरम परियोजना के स्लीप-वे में जलस्तर बढ़ने से सभी 48 गेट खोल दिए हैं। पांच लाख क्यूसेक पानी समुद्र में छोड़ा जा रहा है। सुबह करीब 10 बजे से एनएच पर एर्राबोर के पास पुल के ऊपर से पानी बह रहा है। पुलिस बल तैनात किया है। वहीं इंजरम में भी राष्ट्रीय राजमार्ग पर पुल के ऊपर से पानी बहने से आवाजाही पर रोक लगा दी गई है।
इधर दंतेवाड़ा में भी बारिश से शंखनी-डंकनी नदी, मलगेर, डुमाम, टेमरू व गोला नाले व अन्य छोटे नाले उफान पर हैं। करीब 24 से ज्यादा गांवों का ब्लॉक एवं जिले से संपर्क टूट गया है। शनिवार की सुबह भांसी के बंगाली कैंप के पास 50-50 मीटर की दूरी पर दो पेड़ गिरे। करीब पांच घंटे तक स्टेट हाईवे जाम रहा। मोखपाल से कटेकल्याण मार्ग भी बंद हो गया। वहीं नकुलनार से गढ़मिरी, दंतेवाडा से मसेनार एवं गंजेनार मार्ग पर टेमरू नाले के दोनों पुल भी डूब गए।
बीजापुर जिले में बाढ़ के हालात बनने लगे हैं। मौसम विभाग ने 24 घंटों के लिए जिले को रेड अलर्ट पर रखा है। भैरमगढ़ एवं जांगला में एनएच 63 पर आवागमन ठप रहा। जलस्तर कम होने सेयातायात बहाल हो गया है। भैरमगढ़ के इतामपारा कन्या आश्रम में पानी भरने से 80 छात्राओं को दूसरे भवन में, बासागुड़ा पोटाकेबिन के बच्चों को सारकेगुड़ा छात्रावास और भोपालपटनम के पेगडापल्ली पोटाकेबिन के 120 बच्चे सांड्रापल्ली के नवीन पोटाकेबिन में शिफ्ट किया है। वहीं चार कच्चे मकान भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं। परिवारों को राहत शिविरों में पहुंचा दिया गया है।
तूफान एवं भारी बारिश के चलते सुकमा और बीजापुर जिले प्रभावित हुए हैं। कोंटा ब्लॉक के एर्राबोर पुल पर बाढ़ का पानी आ जाने से शनिवार सुबह से राष्ट्रीय राजमार्ग-30 बाधित है। वनांचल के कई नदी नाले उफान पर है। जगरगुंडा क्षेत्र सहित कोण्टा का जिला मुख्यालय सुकमा से संपर्क टूट गया है। जान जोखिम में डाल कर जगरगुंडा के मल्लेबाग उफनते नाले को पार कर रहे ग्रामीणों का वीडियो सोशल साइड पर वायरल हो रहा है। बाढ़ प्रभावित वार्डों में भ्रमण कर मुनादी कराते हुए अलर्ट मोड पर रहने को कहा है।
कोण्टा के बगल से गुजरती शबरी नदी का जल स्तर लगातार बढ़ रहा है। गोदावरी का बढ़ता जल स्तर भी कोण्टावासियों के लिए परेशानी के तौर पर नजर आ रहा है। बताया जा रहा है कि 70 गांव टापू में तब्दील हो गए हैं। दल्लीराजहरा से मानपुर का संपर्क टूट गया है। इस हादसे में मानपुर मुख्यालय के खडगांव तहसील और मरीटोला सेक्टर के लगभग 70 गांव में निवासरत 50 हजार की सघन आबादी मानपुर मुख्यालय से कट गए और टापू में तब्दील हो गए हैं।