New Delhi:
Kashmir Tigers Terrorist Organization: कश्मीर घाटी में पिछले एक महीने से कई बार आतंकी वारदात हुई. जिसमें देश के कई जवानों ने भारत माता की रक्षा करते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया. सोमवार शाम को आतंकवादियों ने एक बार फिर से घाटी में सेना पर हमला कर दिया. जिसमें भारतीय सेना के एक अधिकारी समेत चार जवान शहीद हो गए. इस हमले में जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक जवान ने भी शहादत दी है. फिलहाल सुरक्षा बल इलाके में सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं और आतंकियों की तलाश जारी है.
बता दें कि सोमवार शाम को सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवान सर्च ऑपरेशन चला रहे थे. इसी दौरान आतंकियों ने जवानों पर हमला कर दिया. जिसमें पांच जवान घायल हो गए. घायल जवानों को सेना के अस्पताल में भर्ती कराया गया. लेकिन इलाज के दौरान जवानों ने दम तोड़ दिया. बताया जा रहा है कि सुरक्षा बलों को डोडा से 30 किलोमीटर दूर कोटी गांव में आतंकियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी.
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जिसपर सुरक्षा बलों को गांव कोटी के शिया धार चौंढ़ माता इलाके में सर्च ऑपरेशन शुरू किया. इसी दौरान आतंकियों ने उनपर फायरिंग हो गई. इस हमले की जिम्मेदारी कश्मीर टाइगर्स ने ली है. बता दें कि ये कोई पहला मौका नहीं है जब कश्मीर टाइगर्स ने किसी हमले की जिम्मेदारी ली है. इससे पहले हुए 8 जुलाई को कठुआ में हुए हमले की जिम्मेदारी भी आतंकी संगठन कश्मीर टाइगर्स ने ली थी. कठुआ हमले में भी सेना के पांच जवान शहीद हुए थे.
जानें कौन हैं कश्मीर टाइगर्स?
कश्मीर टाइगर्स के आतंकियों ने जुलाई में ही कश्मीर में दो बार सुरक्षा बलों को निशाना बनाया. तो जातने हैं कि आखिर ये कौन सा आतंकी संगठन है जो आए दिन घाटी में सेना के जवानों को निशाना बना रहा है. दरअसल, कश्मीर टाइगर्स हाल ही में बना एक आतंकी संगठन है. जानकारी के मुताबिक, जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद ये आतंकी संगठन अस्तित्व में आया. इसके साथ ही तीन और आतंकी संगठन टीआरएफ, पीएएफएफ, लश्कर-ए- मुस्तफा (LEM) भी धारा 370 हटने के बाद बने हैं. कश्मीर टाइगर्स आतंकी संगठन को जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी रहे मुफ्ती अल्ताफ उर्फ अबू जार ने बनाया है, जो जम्मू कश्मीर के अनंतनाग शहर में सक्रिय रहा है. वही इस आतंकी संगठन को ऑपरेट करता है.
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बता दें कि इन आतंकि संगठनों से पहले जम्मू-कश्मीर में जैश-ए-मोहम्मत, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल जैसे आतंकी संगठन सक्रिय थे. इनके साथ ही अल बदर नाम का एक आतंकी संगठन भी घाटी में सक्रिय बना हुआ है. बता दें कि इन आतंकी संगठनों को पाकिस्तान से आर्थिक मदद मिलती है. कश्मीर टाइगर्स आतंकी संगठन को जैश-ए-मोहम्मद का शैडो ग्रुप माना जाता है. जिसने सबसे पहले जून 2021 में दक्षिण कश्मीर में हुए ग्रेनेड हमला कराने की जिम्मेदारी ली थी. इसके अलावा हाल ही में कठुआ और रियासी में हुए हमले की जिम्मेदारी भी कश्मीर टाइगर्स ने ली थी.
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