Explainer: ‘बैकफुट पर जाने की जरूरत नहीं’, योगी ने भरी नए सिरे से लड़ाई लड़ने की हुंकार, ऐसे खींचा 2027 का खाका

New Delhi:

Yogi Adityanath News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आज यानी रविवार को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की एक दिवसीय कार्य समिति की बैठक  हुई. इस मीटिंग में यूपी में लोकसभा चुनाव में बीजेपी की हार की समीक्षा के साथ-साथ आगे की तैयारियों पर विस्तार से चर्चा हुई. सीएम योगी ने पार्टी कार्यकर्ताओं में फिर जोश भरने की कोशिश की. नए सिरे चुनावी लड़ाई की हुंकार भरते हुए सीएम योगी ने कार्यकर्ताओं से कहा कि, ‘बैकफुट पर जाने की जरूरत नहीं है.’ आइए जानते हैं कि सीएम योगी के इस बयान के क्या मायने हैं और उन्होंने कैसे 2027 विधानसभा चुनाव के लिए खाका खींचा.

सीएम योगी ने भरा कार्यकर्ताओं में जोश

बीजेपी कार्यसमिति की इस बैठक में लोकसभा चुनाव के नतीजों को लेकर तय हुआ कि हार की वजहों को ध्यान में रखते हुए आगामी चुनावों में काम किया जाएगा. साथ ही ये भी तय किया गया कि जिस तरह विपक्ष ने चुनावी एजेंडा चलाया. उसका जवाब उसकी भाषा में दिया जाएगा. इस दौरान कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने की कमान संभाली सीएम योगी आदित्यनाथ ने संभाली. इस मौके पर सीएम योगी ने विपक्ष पर बड़ा हमला. उन्होंने कहा कि विरोधी साजिश करने में सफल रहे, लेकिन कार्यकर्ताओं को बिल्कुल भी बैकफुट पर आने की जरूरत नहीं. 

‘यही Momentum 2027 में भी बनेगा…’

सीएम योगी ने कार्यकर्ताओं से कहा, ‘साथियों निराश होने का कोई कारण नहीं  है. 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनावों में बीजेपी सफल होगी, लेकिन इसके लिए आज से ही एक-एक कार्यकर्ता को जुटना पड़ेगा. यूपी के सम्मान को बरकरार रखने के लिए जीत के इस सिलसिले को आगे भी बनाए रखना. जीत का ये सिलसिल 2014, 2017, 2022, पंचायत चुनाव, नगर निकाय चुनाव और उपचुनाव में बना रहा. यही मॉमेंटम 2027 में भी बनेगा. 

‘2027 में भी यूपी में कमल ही खिले.’  

योगी के इस बयान के संकेत यही हैं कि यूपी के लोकसभा चनीजों को पीछे छोड़कर बीजेपी अब आगे की रणनीति पर नए सिरे जमीनी लड़ाई लड़ने को तैयार है. इसी तैयारी के दम पर उसे उपचुनावों में जीत का भरेसा है. सीएम योगी ने अभी से उपचुनाव में जुट जाने का आह्वान कर दावा किया कि सभी 10 सीटें हम जीतेंगे. हमारा वोट शेयर कम नहीं हुआ, हमारा संकल्प होना चाहिए कि 2027 में भी यूपी में कमल ही खिले. उन्होंने माना कि आम चुनाव में हार अति आत्मविश्वास की वजह से मिली. कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र देते हुए उन्होंने ये सीख भी दी कि जरूरत से ज्यादा आत्मविश्वास कैसे हानिकारक साबित हो जाता है.

सीएम योगी ने आने वाले चुनावों के लिए कार्यकर्ताओं में जोश भरा तो बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी विपक्ष को आड़े हाथों लिया. नड्डा के बयानों में भी पार्टी की भविष्य की रणनीति की झलक भी दिखाई दी. उन्होंने कहा कि, ‘अकेली बीजेपी है जो अखिल भारतीय पार्टी है, हर जगह है. ज्यादातर पार्टियां परिवारवादी हैं. बीजेपी भारत की वर्तमान और भविष्य की पार्टी है.’ 

नड्डा ने कहा कि कांग्रेस बैसाखी पर खड़ी हुई. बीजेपी प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में जिन मुद्दों पर फोकस रहा, उनमें—

– अधिकारियों के खिलाफ जनता की नाराजगी

– नेताओं और कार्यकर्ताओं की सुनवाई ना होना

– OBC और दलित वोट खिसकना

– पार्टी के भीतर भितरघात खत्म करना

– संविधान बदलने वाले भ्रम को दूर करने 

जैसे तमाम मुद्दों पर चर्चा हुई. इस अहम बैठक के जरिए बीजेपी की कोशिश कार्यकर्ताओं में फिर से जोश भरने की, जिससे वो मिशन 2027 के लिए अभी से जीजान से जुट जाएं, साथ ही विपक्ष को कड़ा संदेश भी दिया.