New Delhi:
Puri Jagannath Temple: सभी अटकलों को खत्म करते हुए ओडिशा सरकार ने शनिवार को घोषणा की है कि पुरी के जगन्नाथ मंदिर में रत्न भंडार रविवार को फिर से खोला जाएगा. यह रत्न भंडार पूरे 46 साल बाद खुलेगा. कल रत्नभंडारा खोलने के लिए राज्य सरकार ने एसओपी जारी की है. मीडियाकर्मियों से बात करते हुए, कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने कहा कि एसओपी को अंतिम रूप देते समय अनुष्ठान, समय और सावधानियों सहित फिर से खोलने के सभी पहलुओं को ध्यान में रखा गया है.
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रविवार को रत्न भंडार को फिर से खोलने का फैसला किया गया
यह बताते हुए कि रविवार को रत्न भंडार को फिर से खोलने का फैसला किया गया है. उन्होंने कहा कि इसमें भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई), भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई), सेवादार और अन्य के प्रतिनिधि शामिल हैं. उन्होंने आगे कहा कि आभूषणों की सूची में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए आरबीआई की सहायता मांगी गई थी. उनके प्रतिनिधि सूची के दौरान मौजूद रहेंगे और प्रबंध समिति की टीम के साथ सहयोग करेंगे.
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16 सदस्यीय समिति का गठन किया था
पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति बिश्वनाथ रथ की अध्यक्षता में 16 सदस्यीय समिति का गठन किया था. समिति ने 14 जुलाई को इसके उद्घाटन की सिफारिश की थी और पूरी प्रक्रिया के लिए एक विस्तृत एसओपी प्रस्तावित किया था. समिति की सिफारिश को बाद में श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) और मंदिर प्रशासन ने मंजूरी दे दी. एक इंट्रस्टिंग की बात है कि 1978 में जब रत्नभण्डार खुला गया था तब ओडिशा में नीलमणि राउतराय की सरकार थी और कानून मंत्री थे छत्तीसगढ़ के राज्यपाल बिश्व भूषण हरिचंदन अब उनके बेटे यानी पृथ्वीराज हरिचंदन ओडिशा के कानून मंत्री है और ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी के सरकार में अब रत्नभण्डार खुलने को जा रहा है.
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