छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंगलवार को भाजपा सांसद संतोष पांडेय द्वारा कथित महादेव ऐप घोटाले को लेकर लोकसभा में दिए गए बयान की आलोचना की है। उन्होंने सवाल किया कि केंद्र और राज्य में भाजपा की सरकार होने के बावजूद इस ऐप पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगाया गया है। बघेल ने यह भी कहा कि वह संसद में उनके खिलाफ निराधार आरोप लगाने के लिए पांडेय के खिलाफ लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखेंगे।
छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले पांडेय ने लोकसभा में अपने भाषण में भूपेश बघेल का नाम लिए बिना आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस शासन में पूर्व मुख्यमंत्री, भगवान महादेव के नाम पर छह हजार करोड़ रुपये से अधिक का सट्टा संचालित कर रहे थे।
उनकी टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए, बघेल ने एक बयान में कहा कि छत्तीसगढ़ में उनकी सरकार (2018-2023) के दौरान, महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप के संबंध में 70 से अधिक प्राथमिकी दर्ज की गई, कई लोगों को गिरफ्तार किया गया और करोड़ों रुपये की नकदी, मोबाइल और लैपटॉप जब्त किए गए।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ”राजनांदगांव के सांसद पांडेय ने संसद में मेरे खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं कि पूर्व मुख्यमंत्री महादेव ऐप के जरिए छह हजार करोड़ रुपये का सट्टा संचालित कर रहे थे। आरोप निराधार हैं।” बघेल ने पूछा, ”सरकार बदल गई है लेकिन महादेव ऐप अभी भी चालू है, तो क्या वे अब इसका नाम ‘विष्णु देव साय ऐप’ रखने जा रहे हैं।”
उन्होंने कहा केंद्र और राज्य में भाजपा की सत्ता होने के बावजूद, ऐप पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। हमने (पिछली कांग्रेस सरकार) (ऐप के प्रवर्तकों के खिलाफ) लुकआउट सर्कुलर जारी किया था। वे (ऐप के प्रमोटर) विदेश में हैं और यह (भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र) उन्हें पकड़कर देश में लाने में सक्षम नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं संसद में ऐसे व्यक्ति के खिलाफ निराधार आरोप लगाने के लिए लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखूंगा जो सदन का सदस्य नहीं है। मैं इस मुद्दे पर कानूनी सलाह भी लूंगा और उसके अनुसार आगे की कार्रवाई करूंगा।’’
छत्तीसगढ़ की आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा/भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने सट्टेबाजी ऐप घोटाले में अपनी प्राथमिकी में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ ऐप के प्रवर्तक रवि उप्पल, सौरभ चंद्राकर, शुभम सोनी, अनिल कुमार अग्रवाल तथा 14 अन्य को आरोपी बनाया है। भाजपा के यहां की सत्ता में आने के बाद राज्य की एजेंसी ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा सौंपी गई एक रिपोर्ट के आधार पर इस साल मार्च में मामला दर्ज किया था।
ईडी ने अब तक रायपुर की अदालत में महादेव ऐप से जुड़े धनशोधन के मामले में तीन अभियोजन शिकायत (चार्जशीट) दायर की है। ईडी ने इस मामले में पहले भी राज्य में कई छापे मारे थे। ईडी ने पहले भी कहा है कि महादेव ऑनलाइन गेमिंग और सट्टेबाजी ऐप से संबंधित जांच में छत्तीसगढ़ के कई उच्च पदस्थ नेताओं और नौकरशाहों की संलिप्तता सामने आई है। ईडी ने इस मामले में अब तक कुल 11 लोगों को गिरफ्तार किया है। ईडी के अनुसार इस मामले में अपराध की अनुमानित आय लगभग छह हजार करोड़ रुपये है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित भाजपा के शीर्ष नेताओं ने पिछले विधानसभा और लोकसभा चुनाव के दौरान महादेव ऐप मामले को लेकर बघेल पर निशाना साधा था।
भूपेश बघेल ने इससे पहले महादेव सट्टेबाजी ऐप मामले में ईडी की कार्रवाई को ‘राजनीतिक साजिश’ करार दिया था और संघीय एजेंसी पर अपने ‘राजनीतिक आकाओं’ के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया था।