नई दिल्ली:
कलकत्ता उच्च न्यायालय की डिवीजन बेंच ने केंद्रीय बल रखने की समय सीमा नहीं बढ़ाई. अदालत ने कहा कि राज्य आतंक प्रभावित क्षेत्रों में शांति बनाए रखने के लिए सभी कदम उठाएगा. यदि राज्य विफल रहता है, तो केंद्रीय बलों की तैनाती समेत सभी उचित कदम उठा सकता है. कोलकाता हाई कोर्ट ने पोस्ट पोल हिंसा को लेकर बड़ा फ़ैसला लिया. राज्य में हिंसा रोकने के लिए केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती को लेकर फैसले केंद्रीय गृह मंत्रालय पर छोड़ा है. हाईकोर्ट ने कहा कि गृह मंत्रालय चाहे तो किसी भी जगह पर केंद्रीय सुरक्षा बलों को तैनात कर सकती है.
फिलहाल कोई आदेश नहीं दिया
चुनाव बाद अशांति की स्थिति में राज्य में केंद्रीय बल तैनात रखने पर हाईकोर्ट ने फिलहाल कोई आदेश नहीं दिया है. चुनाव के बाद हिंसा के मामलों में राज्य को जांच पूरी करने के लिए त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए. अगर आपराधिक शिकायत मिलती है तो कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी. कोर्ट ने यह भी कहा कि केंद्र सिर्फ अशांत क्षेत्रों में ही नहीं, बल्कि हर जगह सेना तैनात कर सकता है. यदि आवश्यक हुआ तो हम इस राज्य में केंद्रीय बल रखने के लिए तैयार हैं. हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में शांति बनाए रखने के लिए राज्य सभी कदम उठाएगा. यदि राज्य विफल होते हैं तो केंद्र केंद्रीय बलों की तैनाती सहित सभी उचित कदम उठा सकता है.
हैरान कर देने वाले मामला सामने आ रहे हैं
पश्चिम बंगाल पोस्ट पोल वायलेंस थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. एक बार फिर से हैरान कर देने वाले मामला सामने आ रहे हैं. दरअसल, मुर्शिदाबाद में बुधवार को बम चलने की घटना सामने आई है. जानकारी के मुताबिक, बमबारी की ये घटना रघुनाथगंज के अहमदपुर गांव में हुई है. भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने इस बमबाजी की घटना का आरोप टीएमसी नेता रहीम शेख पर लगाया है. जानकारी के मुताबिक, टीएमसी नेता रहीम शेख सीसीटीवी में भी दिखाई दिया है. इसी बीच अब टीएमसी और बीजेपी आमने सामने है. आरएसएस के ऑफिस को लेकर ममता ने प्रशासन को आगाह किया. आरएसएस पर जमीन को हड़पने का आरोप लगाया गया है.