नई दिल्ली:
विपक्षी दलों के हंगामे के कारण शुक्रवार को सुबह 11 बजे शुरू हुई लोकसभा की कार्यवाही को थोड़ी देर बाद ही 12 बजे तक के लिए स्थगित करना पड़ा।
शुक्रवार को सुबह 11 बजे लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने पर उन पूर्व सांसदों के निधन पर सदन में शोक व्यक्त करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की गई, जिनका निधन पिछले सत्र के बाद हुआ। इसके बाद जैसे ही स्पीकर के कहने पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने महत्वपूर्ण पेपर्स को सदन में पेश करना शुरू किया। कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों के सांसदों ने नीट परीक्षा पर दिए गए स्थगन प्रस्ताव का जिक्र करते हुए स्पीकर से पहले इस पर चर्चा कराने की मांग की।
विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भी नीट पर चर्चा कराने की मांग करते हुए सदन में कहा कि नीट पर चर्चा के जरिए वे हिंदुस्तान के विद्यार्थियों को सरकार और विपक्ष की तरफ से संयुक्त संदेश देना चाहते हैं।
लेकिन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने नियमों का हवाला देते हुए कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान स्थगन प्रस्ताव के नोटिस नहीं लिए जाते। उन्होंने राहुल गांधी से संसदीय व्यवस्था का पालन करने का आग्रह करते हुए कहा कि आप विपक्ष के नेता हैं और इसलिए आप संसदीय व्यवस्था का पालन करेंगे, ऐसी अपेक्षा है।
इसके साथ ही लोकसभा अध्यक्ष ने नीट पर भी चर्चा का समय देने का आश्वासन देते हुए कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान वे पूरा समय देंगे। वे हर विषय पर बोल सकते हैं और पार्टी को आवंटित पूरा समय ले सकते हैं।
लेकिन विपक्षी सांसदों का हंगामा और नारेबाजी जारी रही। इस बीच जैसे ही कांग्रेस, टीएमसी और अन्य विपक्षी दलों के सांसद नारेबाजी करते हुए वेल में आए। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन की कार्यवाही को दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।
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