छत्तीसगढ़ के पांच विश्वविद्यालय को आयोग ने किया डिफाल्टर घोषित, पहले से दी गई थी चेतावनी

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने छत्तीसगढ़ के पांच विश्वविद्यालय को डिफाल्टर घोषित किया है। विवि में लोकपाल की नियुक्ति नहीं होने पर आयोग ने यह कार्रवाई की है। देशभर के 108 विश्वविद्यालयों का हाल यही है, जिन्हें आयोग ने डिफाल्टर घोषित किया है। इससे पहले भी लोकपाल की नियुक्ति को लेकर आयोग ने प्रदेश के 12 विश्वविद्यालय चेतावनी दी थी। इसके बाद कई विवि को डिफाल्टर घोषित किया गया था।

आयोग ने पिछले वर्ष प्रदेश के लगभग 12 विश्वविद्यालय को डिफॉल्टर सूची में रखा था। इन विश्वविद्यालय में लोकपाल की नियुक्ति नहीं होने पर चेतावनी दी गई थी। कई विश्वविद्यालय उन्हें आनंद-खनन में लोकपाल की नियुक्ति कर ली। वहीं कई ऐसे विश्वविद्यालय रहे जिन्होंने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया। आयोग ने कार्रवाई करते हुए उन्हें डिफाल्टर घोषित कर दिया गया। इसे लेकर आयोग ने आदेश जारी कर दिया है, जिस आयोग की साइट पर भी देखा जा सकता है।

आयोग द्वारा जारी आदेश के अनुसार 108 विश्वविद्यालय के अलावा 47 निजी विश्वविद्यालय और दो विश्वविद्यालय को डिफाल्टर घोषित किया है। बता दें कि लोकपाल द्वारा विश्वविद्यालय में छात्रों के शिकायतों का निवारण किए जाने का प्रावधान है। वहीं इन विश्वविद्यालय में लोकपाल की नियुक्ति ही नहीं है। ऐसे में आयोग ने इन विश्वविद्यालय को डिफाल्टर घोषित किया है। विश्वविद्यालय का डिफाल्टर सूची में नाम आने के बाद उन्हें आयोग की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता है। साथ ही शासन की ओर से आर्थिक और सहायता से भी वंचित रह जाते हैं।

छत्तीसगढ़ के इन विश्वविद्यालय को किया गया डिफाल्टर घोषित

1. इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर
2. पं. दीनदयाल उपाध्याय स्मृति स्वास्थ्य विज्ञान एवं आयुष विवि
3. शहीद नंदकुमार पटेल विवि, रायगढ़
4. छत्तीसगढ़ कामधेनु विश्वविद्यालय, दुर्ग
5. महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विवि, पाटन