New Delhi:
लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद कांग्रेस में खुशी का माहौल देखा गया क्योंकि कुछ राज्यों में पार्टी का शानदार प्रदर्शन रहा. वहीं, केंद्र में एक बार फिर से एनडीए की सरकार बनने के बाद कांग्रेस अब उन राज्यों या सीटों की समीक्षा बैठक करने जा रही है, जहां पार्टी का या तो प्रदर्शन काफी खराब रहा या तो फिर जिन राज्यों में पार्टी का खाता भी नहीं खुला. इसके लिए पार्टी ने राज्यवार समितियों का गठन करते हुए कई प्रदेश नेताओं को इसकी जिम्मेदारी भी सौंपी है. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने हिमाचल, उत्तराखंड, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, दिल्ली पर फोकस करने के लिए 6 समितियों का गठन किया है. जो इन राज्यों में एक भी सीट ना मिलने या खराब प्रदर्शन को लेकर वजह का पता लगाएगी.
खराब प्रदर्शन की वजह तलाशने में जुटी कांग्रेस
मध्य प्रदेश में कांग्रेस के हाथ एक भी सीट नहीं आई. इसे लेकर महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण, जिग्नेश मेवाणी और सप्तगिरी उलाका को एमपी की कमान सौंपी गई है. एमपी के लिए तीन सदस्यीय फैक्ट फाइंडिंग कमेटी तैयार की गई है. वहीं, छत्तीसगढ़ में 11 सीटों में से कांग्रेस ने बस 1 ही सीट जीत पाई. इसकी समीक्षा के लिए हरीश चौधरी और वीरप्पा मोइली को जिम्मेदारी सौंपी गई है. दिल्ली, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में कांग्रेस को जीरो सीट मिली. इसके लिए रजनी पाटिल और पी एल पुनिया को शामिल किया गया है. इसके बावजूद प्रदेश में कांग्रेस को 17 सीटों में से 8 सीटों पर ही जीत मिल पाई.
कई नेताओं को दी अहम जिम्मेदारी
हालांकि 2024 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन 2019 लोकसभा चुनाव से काफी बेहतर रहा. 2019 के चुनाव में कांग्रेस को सिर्फ 52 सीटों पर जीत दर्ज की थी. वहीं, 2024 में कांग्रेस ने 99 सीटें अपने नाम की. महाराष्ट्र में कांग्रेस का प्रदर्शन सबसे अच्छा माना जा रहा है. प्रदेश में 13 सीटों के साथ कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभर के सामने आई.