आपको याद दिला दें कि, हाल ही में कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने संसद भवन परिसर से महापुरुषों की मूर्ति को हटाने का आरोप लगाया था, जिसे खारिज करते हुए लोकसभा सचिवालय ने उस समय यह बताया था कि संसद भवन परिसर से किसी भी महापुरुष की प्रतिमा को हटाया नहीं गया है, बल्कि महापुरुषों की प्रतिमाओं को संसद भवन परिसर में ही सम्मानजनक रूप से भव्य ‘प्रेरणा स्थल’ में स्थापित किया जा रहा है। इससे संसद परिसर में भ्रमण के लिए आने वाले आगंतुक इन महापुरुषों की प्रतिमाओं का सुगमता से दर्शन कर सकेंगे और उनके जीवन दर्शन से प्रेरणा ले सकेंगे। इसी प्रेरणा स्थल का लोकार्पण उपराष्ट्रपति धनखड़ रविवार को करने जा रहे हैं।
लोकार्पण कार्यक्रम में राज्यसभा और लोकसभा के सभी सदस्यों को भी आमंत्रित किया गया है। संसद भवन परिसर के अंदर हमारे देश के महापुरुषों एवं महान स्वतंत्रता सेनानियों की प्रतिमाएं स्थापित हैं। उनका हमारे देश के इतिहास में, हमारी संस्कृति में, हमारे स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। ये प्रतिमाएं परिसर में अलग-अलग स्थानों पर स्थित थीं, इससे आगंतुकों को इनका दर्शन करने में कठिनाई होती थी। इसलिए संसद भवन परिसर के अंदर इन प्रतिमाओं को एक ही स्थान पर स्थापित करने के उद्देश्य से प्रेरणा स्थल का निर्माण किया गया है।
इन प्रतिमाओं के समीप नई टेक्नोलॉजी के माध्यम से उन महापुरुषों की जीवनगाथा, उनके संदेश को भी आगंतुकों के लिए उपलब्ध कराने की कार्य योजना बनायी गई है। बताया जा रहा है कि, इसके पहले भी संसद के नए भवन के निर्माण कार्य के दौरान महात्मा गांधी, मोतीलाल नेहरू एवं चौधरी देवी लाल की प्रतिमाओं को परिसर में ही अन्य स्थान पर स्थानांतरित किया गया था।
‘प्रेरणा स्थल’ पर प्रतिमाओं के आसपास लॉन एवं पुष्प वाटिकाओं का निर्माण किया गया है। यहां गणमान्य व्यक्ति एवं आगंतुक उन्हें सुगमतापूर्वक अपनी श्रद्धांजलि अर्पित कर सकेंगे और उनकी जीवनगाथा से प्रेरणा भी ले सकेंगे। लोकार्पण कार्यक्रम के दौरान शिलापट्ट के अनावरण के पश्चात गण्यमान्य व्यक्ति प्रतिमाओं पर पुष्पांजलि भी अर्पित करेंगे।