Earthquake: सुबह-सुबह कांपी हिमाचल प्रदेश की धरती, कुल्लू में महसूस किए गए भूकंप के झटके

New Delhi:

Earthquake in Himachal Pradesh: शुक्रवार तड़के पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में भूकंत के तेज झटके महसूस किए गए. जिससे लोग सहम गए. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक, 14 जून की सुबह 3.39 बजे हिमाचल प्रदेश के कुल्लु में भूकंप के झटके महसूस किए गए. इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 3.0 मापी गई. इस भूकंप से अभी तक किसी भी तरह के जान या माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है. ये भूकंप तक आया जब लोग गहरी नींद सोए हुए थे. जिसके चलते लोगों को भूकंप का अहसास नहीं हुआ. हालांकि जब उन्हें भूकं आने की बात पता चली तो लोग सहम गए.

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कुछ दिन पहले राजस्थान में आया था भूकंप

बता दें कि इससे पहले राजस्थान में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए. दरअसल, राजस्थान के सीकर में 8 जून को भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. रिक्टर स्केल पर इस भूकंप की तीव्रता 3.9 मापी गई थी. ये भूकंप देर रात आया. भूकंप के ये झटके करीब 10 सेकंड तक महसूस किए गए थे. भूकंप की तीव्रता कम होने की वजह से राज्य में कहीं कोई जान या माल का नुकसान नहीं हुआ था. लेकिन इस भूकंप ने एक बार फिर से लोगों को परेशान कर दिया. सीकर में आए भूकंप के महज 6 दिन बाद अब हिमाचल की धरती कांप गई.

क्यों बार-बार महसूस किए जाते हैं भूकंप के झटके?

बता दें कि हमारी धरती कई परतों से मिलकर बनी हुई है. जिसके भीतर हमेशा उथल-पुथल मची रहती है. धरती के अंदर मौजूद टैक्टोनिक प्लेट लगातार आपस में टकराती रहती हैं. इस दौरान वह इधर से उधर खिसक जाती हैं. टैक्टोनिक प्लेटों के इधर से उधर खिसकने से ऊर्जा निकलती है. जब इस ऊर्जा को बाहर निकलने की जगह नहीं मिलती तो ये ऊपर की ओर आती है. जिससे धरती में कंपन्न पैदा होता है.

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जिससे कई स्थानों पर धरती हिलने लगती है. धरती के इसी हिलने को भूकंप कहा जाता है. बता दें कि भूकंप की दृष्टि से बारत को पांच सिस्मिक जोन में विभाजित किया गया है. भूकंप से सबसे ज्यादा खतरा सिस्मिक जोन-5 में आने वाले क्षेत्रों को होता है. जिसमें हिमालय के आसपास का ज्यादातर इलाका और राज्य शामिल हैं. हिमाचल प्रदेश का ज्यादातर क्षेत्र भूकंप के लिहाज से सिस्मिक ज़ोन 4 और 5 में आता है.