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छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले अंतर्गत माना जिला पंचायत में तालाब गहरीकरण के नाम पर मौत का गड्डा बनाया जा रहा है। इसके साथ ही स्थानीय नेताओं और रहवासियों ने पानी की समस्याओं के साथ-साथ ठेकेदार पर मुरूम बेचने का अवैध खेल खेलने का आरोप भी लगाया है। इन सभी मांगों को लेकर युवा कांग्रेस के साथ स्थानीय जनप्रतिनिधि और लोगों ने मुख्य नगर पालिका अधिकारी से शिकायत करते हुए कार्रवाई करने की बात कही है।
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के नगर पंचायत माना कैंप क्षेत्र अंतर्गत तालाब गहरीकरण का काम चल रहा है। तालाब गहरीकरण का काम होने से यहां पानी की समस्याओं से लोग जूझ रहे हैं। जिसे लेकर स्थानीय लोगों ने तालाब में पानी भरने के लिए नहर के पानी को छोड़ने की बात कही है। उन्होंने कहा कि माना कैंप में पानी की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है। पिछली सरकार में साल में दो बार पानी नहर से छोड़ा जाता था जिससे पानी की समस्या नहीं आती थी। लेकिन इस पानी सिर्फ एक बार छोड़ गया है। इसके साथ ही यह भी आरोप लगाया गया तालाब गहरीकरण के नाम पर एक बड़ा गड्ढा खोद दिया गया है जिससे कि आने वाले समय में बड़ी अनहोनी भी हो सकती है। साथ ही यह कहा कि खुदाई के नाम पर मुरम बेचने का अवैध धंधा चलाया जा रहा है जिसकी जांच होनी चाहिए।
बता दें कि माना कैंप की आबादी लगभग 15000 से 20000 लोगों की है। यहां लोगों के बीच निस्तार के लिए सिर्फ एक ही तालाब है और अन्य कोई साधन नहीं है। लेकिन गर्मी के कारण आज यह तालाब सूख गया है। इसके साथ ही स्थानीय लोगों ने यह भी आरोप लगाया कि आज माना कैंप का जलस्तर कम हो गया है, जिससे कि 90% बोरवेल में जल नहीं है। स्थानीय लोगों ने कहा कि पानी की समस्याओं को पूरा करने के लिए टैंकर की व्यवस्था तो की जा रही है लेकिन वह भी रात में, ऐसे में लोग रात लाइन लगाकर रात भर जागकर अपने घरों में पानी भरने का काम कर रहे हैं।
राजधानी से सटे माना में तलाब गहरीकरण के नाम पर चल रहे खेल और पानी की पूर्ती को लेकर स्थानी लोगों ने मुख्य नगर पालिका अधिकारी से इस बात की शिकायत तो कर दी है, अब देखने वाली बात यह होगी कि आखिरकार कब स्थानीय लोगों की पानी की समस्याएं पूरी होती है और कब तक तालाब गहरीकरण के नाम पर अवैध खनन की जांच होती है।