- स्कूलों में पेयजल, शौचालय, रनिंग वॉटर जैसे मूलभूत सुविधाएं करें सुनिश्चित
- किशोरी बालिकाओं के काउंसिलिंग के दिए निर्देश, बच्चों को क्विज कॉम्पीटिशन के लिए करें तैयार
- कलेक्टर श्री गोयल ने निजी स्कूलों में राइट टू एजुकेशन के तहत प्रवेशित बच्चों की ड्रॉप आउट की समीक्षा की
रायगढ़, 7 जून 2024/ कलेक्टर कार्तिकेया गोयल ने आज कलेक्टोरेट के सृजन सभा कक्ष में जिले में संचालित निजी स्कूलों के संचालकों की बैठक ली। उन्होंने शिक्षा के अधिकार के तहत् प्रवेशित बच्चों एवं उन स्कूलों से शाला त्यागी बच्चों के बारे में गहन समीक्षा की। इस अवसर पर सीईओ जिला पंचायत जितेन्द्र यादव, डीईओ बी.बाखला उपस्थित रहे।
कलेक्टर श्री गोयल ने कहा कि शासन द्वारा बच्चों को अच्छी शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से शिक्षा के अधिकार के तहत निजी स्कूलों में प्रवेश देने का प्रावधान किया गया है, लेकिन कुछ वर्ष से ड्रॉप आउट बच्चों की संख्या में वृद्धि हुई है। यह अच्छी बात नहीं है, आपको उन बच्चों के टीसी देने तक सीमित नहीं रहना है, यह जानना होगा कि बच्चे स्कूल क्यों छोड़ रहे हैं। ऐसे बच्चों को नियमत: दसवीं तक की पढ़ाई तक स्कूलों में शिक्षा प्रदान करनी होगी। हमें उन्हे अच्छी शिक्षा मुहैया करवाना है। जितने बच्चे प्रवेश ले रहे हैं, उतने आखिरी कक्षा तक दिखने चाहिए। अगर स्कूल छोड़ भी रहे है तो उसका वाजिब कारण जानने के साथ ट्रैकिंग भी करें, कि बच्चा कहां पढ़ रहा है। उन्होंने कम ड्रॉप आउट वाले स्कूल संचालकों के प्रयासों की सराहना भी की।
कलेक्टर श्री गोयल ने सभी स्कूल संचालकों से कहा कि पालकों को किसी भी प्रकार के स्कूल सामग्री खरीदी के लिए दबाव नही डालेंगे। उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया कि स्कूल संचालकों से उन्होंने समान खरीदी हेतु किसी प्रकार का दबाव नहीं बनाया है यह शपथ पत्र लें। शुल्क की जानकारी, दावा भुगतान के संबंध में सभी स्कूलों से जानकारी ली। उन्होंने कहा कि स्कूलों के लंबित भुगतान अतिशीघ्र करवाने हेतु प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने शासन के पोर्टल खुलने पर बिना त्रुटि पूर्ण दावा करने हेतु निर्देशित किया ताकि भुगतान संबधी किसी प्रकार की दिक्कत न हो।
कलेक्टर श्री गोयल ने स्कूली बच्चों के सुरक्षा के लिहाज से स्कूलों के मेन गेट को कव्हर करते हुए सीसी टीवी कैमरा लगवाने के निर्देश दिए। जहां बच्चों एवं बसों की आवाजाही स्पष्ट रूप से दिखाई दे सके। उन्होंने सभी स्कूलों में तडि़त चालक लगवाने एवं जहां लगे हैं उसे रिपेयर करने के निर्देश दिए। साथ ही जल स्तर वृद्धि हेतु स्कूलों में रेन हार्वेस्टिंग की दिशा में कार्य करने हेतु कहा।
सीईओ जिला पंचायत श्री जितेन्द्र यादव ने कहा कि बच्चों के लिए प्रतिस्पर्धी माहौल तैयार करने हेतु सभी स्कूल क्विज क्लब, डिबेट क्लब बनाए। ताकि बच्चे में रिजनिंग के साथ ही किसी भी विषय में बोलने का आत्मविश्वास हो व जिले के बच्चे प्रतियोगी परीक्षाओं में बेहतर प्रदर्शन कर सके। उन्होंने सभी स्कूल संचालकों को निर्देशित किया कि आगामी दिनों में जिला स्तर पर क्विज कॉम्पीटिशन आयोजित की जाएगी। जिसके लिए सभी स्कूल अपने बच्चों की तैयारी करवायें। इस दौरान स्कूल संचालकों को दामिनी एवं मेघदूत एप के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि दामिनी एप के माध्यम से आकाशीय बिजली के संभावनाओं के संंबंध में आधे घंटे पहले ही सूचना उपलब्ध हो जाती है। इसी प्रकार मेघदूत एप के माध्यम से मौसम के पूर्वानुमान की जानकारी प्राप्त की जा सकती हैए जो शिक्षकों के साथ ही बच्चों के सुरक्षा के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है।
किशोरी बच्चियों की करें काउंसलिंग, गुड टच-बेड टच की दें जानकारी
कलेक्टर श्री गोयल ने कहा कि 10 साल से अधिक उम्र कि किशोरी बालिकाओं को उनके स्कूल की शिक्षिकाओं के माध्यम से घर के बड़े-बुजुर्ग की भांति उनके हार्मोनल चेंज के संबंध में जानकारी दें कि इस उम्र में इस प्रकार के बदलाव होते है। ताकि बच्चियां घबराएं नहीं। इसी प्रकार उन्होंने यूनिसेफ अथवा किसी भी शासकीय संस्थान से अधिकृत कार्टून वीडियो के माध्यम से बच्चियों को गुड टच और बैड टच के बीच का फर्क समझाएं। इस दौरान उन्होंने माहवारी स्वच्छता के संबध में भी बालिकाओं को जानकारी देने के निर्देश दिए, ताकि किशोरी बालिकाएं स्वस्थ रहें।
स्कूलों में मूलभूत सुविधाएं करें सुनिश्चित, बस ड्राइवर रखने से पूर्व जांच पड़ताल के दिए निर्देश
कलेक्टर श्री गोयल ने सभी स्कूलों में आगामी शिक्षण सत्र में पेयजल, शौचालय, रनिंग वाटर जैसे मूलभूत सुविधाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी स्कूल संचालकों से कहा कि बारिश के मौसम में सर्पदंश की शिकायतें प्राप्त होती है, लिहाजा शिक्षक ऐसी स्थिति से निपटने हेतु अस्पतालों का नंबर रखें जहां से सही समय में एन्टीवेनम उपलब्ध हो। उन्होंने सुरक्षा के लिहाज से सभी स्कूलों को निर्देशित किया की स्कूल बसों के ड्राइवर एवं हेल्पर रखने से पूर्व पूरी जांच पड़ताल करने के निर्देश दिए, इसमें किसी प्रकार लापरवाही नहीं होनी चाहिए। इस दौरान उन्होंने बसों के फिटनेस जांच करवाने तथा बस में इमरजेंसी खिड़की, फस्र्ट एड बॉक्स रखने हेतु भी निर्देशित किया।