छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस द्वारा मैदान में उतारे गए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत तीन मौजूदा विधायकों और राज्य के दो पूर्व मंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा। वहीं भाजपा के मौजूदा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने चुनाव में जीत दर्ज की। पिछले वर्ष विधानसभा चुनाव में करारी हार का सामना करने के बाद कांग्रेस ने राजनांदगांव, बिलासपुर और बस्तर (एसटी) सीटों पर अपने मौजूदा विधायकों और महासमुंद और जांजगीर-चांपा (एससी) में पूर्व मंत्रियों को मैदान में उतारा था लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली।
लखमा कोंटा विधानसभा सीट से विधायक हैं। 2019 में बस्तर कांग्रेस द्वारा जीती गई दो सीटों में से एक थी। बिलासपुर में कांग्रेस उम्मीदवार तथा भिलाई नगर विधानसभा क्षेत्र के विधायक देवेन्द्र यादव को भाजपा के पूर्व विधायक तोखन साहू के हाथों 1,64,558 मतों से हार का सामना करना पड़ा। राज्य की महासमुंद सीट पर भाजपा की पूर्व विधायक रूपकुमारी चौधरी ने कांग्रेस के पूर्व मंत्री ताम्रध्वज साहू को 1,45,456 मतों से हराया।
एकमात्र अनुसूचित जाति-आरक्षित जांजगीर-चांपा सीट पर, भाजपा की महिला नेता कमलेश जांगड़े ने कांग्रेस उम्मीदवार और पूर्व मंत्री शिवकुमार डहरिया के खिलाफ 60 हजार मतों के अंतर से जीत हासिल की। वहीं रायपुर सीट पर भाजपा ने मौजूदा विधायक और राज्य शासन में मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को मैदान में उतारा था। उन्होंने कांग्रेस के पूर्व विधायक विकास उपाध्याय को 5,75,285 मतों के रिकॉर्ड अंतर से हराया। भाजपा ने 11 में से 10 लोकसभा सीट पर जीत दर्ज की जबकि कांग्रेस एक सीट बचाने में सफल रही।