फलों के पैदावार करने वालों का कहना है कि प्रकृति असर इस समय जीव जंतु मानव शरीर के साथ-साथ फलों पर भी पड़ रहा है. इस बार लीची में जो मिठास होनी चाहिए थी वह मिठास बारिश न होने की वजह से नही है जिस कारण लीची में अभी खट्टापन बना हुआ है,वही अगर आम की बात की जाए तो भीषण गर्मी के चलते और आसमानी बारिश न होने से आम अपने सही आकार को नहीं पहुंच पा रहा है और न ही आम में पहले जेसी रंगत आई है. यही नहीं भीषण गर्मी की मार से आम और लीची में बीमारी पैदा हो गई है और सुंडी पढ़ने लगी है.
बारिश समय रहते नहीं हुई तो इन फलों पर पड़ेगा असर
जानकारों का कहना है कि अगर बारिश समय रहते नहीं हुई तो इन फलों पर पड़ने वालें असर की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. साथ ही लोगों को इसकी मिठास मिलना भी मुश्किल हो सकता है. लीची और आम के ठेकेदारों का कहना है, यदि जल्द ही आसमान से पानी न बरसा तो इन दोनों फलों की मिठास लोगों को नहीं मिल पाएगी. वही एक और ठेकेदार ने कहा की बगीचों के मालिकों ने पेड़ों को सही खाद नहीं दी, इस कारण से भी इस बार दोनों फल दम तोड़ने को मजबूर हैं.