महादेव सट्टा ऐप घोटाला मामले में EOW (आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो) को बर्खास्त आरक्षक अर्जुन यादव से पूछताछ में कई महत्वपूर्ण जानकारियां हाथ लगी है। आरोपी ने 20 से ज्यादा ऐप पैनल का संचालन करने की बात मानी है और उससे मिली जानकारी के आधार पर पुलिस ने 200 बैंक खातों में 3 करोड़ रु भी सीज करवाए हैं। यादव फिलहाल 5 दिन की पुलिस रिमांड में है और पुलिस को उससे और भी जानकारियां मिलने की उम्मीद है।
इसके अलावा आरोपी अर्जुन यादव के मोबाइल फोन में महादेव ऐप से जुड़े हुए बहुत से वॉट्सऐप ग्रुप भी मिले हैं। जिनमें से कुछ ग्रुप RTGS अकाउंट से और कुछ ग्रुप फेक अकाउंट से संबंधित हैं। EOW की टीम ने इन ग्रुप्स से प्राप्त जानकारी के आधार पर ऐसे 200 से अधिक बैंक अकाउंट्स को चिन्हांकित करके लगभग 3 करोड़ रुपए की राशि इन खातों में फ्रीज करवाई है।
पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपी द्वारा महादेव ऐप के पैसे से खरीदी गई एक फॉर्च्यूनर गाड़ी भी जब्त की है। EOW आरोपी बर्खास्त आरक्षक अर्जुन यादव को मध्य प्रदेश के पचमढ़ी से हिरासत में लेकर रायपुर पहुंची थी। अर्जुन यादव दुर्ग जिला बल का आरक्षक था और महादेव बेटिंग एप में नाम आने के बाद उसे निलंबित कर दिया गया था। वह लंबे समय से फरार चल रहा था। EOW के साथ ही ED की टीम भी उसकी तलाश में थी। अर्जुन इसी मामले में पहले गिरफ्तार किए गए आरक्षक भीम यादव का भाई है। भीम यादव फिलहाल जेल में है।
इससे पहले हाल ही में EOW और ACB की टीम ने इस घोटाले के संबंध में गुरुवार को छत्तीसगढ़ के पांच जिलों में कुछ व्यापारियों सहित 29 स्थानों पर छापेमारी की थी। टीम ने दुर्ग जिले के 18 स्थानों, रायपुर में 7 स्थानों, बलौदाबाजार में दो स्थानों तथा रायगढ़ व कांकेर में एक-एक स्थान पर छापेमारी की थी। छापेमारी के दौरान इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, संपत्ति से संबंधित दस्तावेज, हवाला (फंड ट्रांसफर के लिए अवैध चैनल) से संबंधित पर्चियां, बैंकों से संबंधित दस्तावेज और महादेव ऐप से जुड़े अन्य संदिग्ध दस्तावेज जब्त किए गए थे।
ACB-EOW ने कथित महादेव सट्टेबाजी ऐप घोटाले में अपनी FIR में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ-साथ ऐप के प्रमोटरों रवि उप्पल, सौरभ चंद्राकर, शुभम सोनी और अनिल कुमार अग्रवाल तथा 14 अन्य को आरोपी बनाया है।