कौन हैं रिटायर्ड IAS अधिकारी अनिल टुटेजा जिन्हें ईडी ने छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में किया अरेस्ट, क्या हैं आरोप

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छत्तीसगढ़ में 2,000 करोड़ रुपये के कथित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में राज्य के सेवानिवृत्त आईएएस (भारतीय प्रशासनिक सेवा) अधिकारी अनिल टुटेजा को गिरफ्तार कर लिया। आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, टुटेजा को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत हिरासत में लिया गया है। उन्हें मजिस्ट्रेट कोर्ट के सामने पेश किया जा सकता है जहां से एजेंसी उनकी रिमांड मांग सकती है। एक दिन पहले ईडी ने अनिल के बेटे यश को पूछताछ के लिए रायपुर बुलाया था। इसके एक दिन बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
कौन हैं अनिल टुटेजा

अनिल टुटेजा एक आईएएस अधिकारी के तौर पर अपनी सेवा दे चुके हैं। वे 2023 में रिटायर हुए थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अनिल टुटेजा ने 2003 में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास की थी। वे राज्य के उद्योग और वाणिज्य विभाग में संयुक्त सचिव के पद पर तैनात थे।

क्या है शराब घोटाला और टुटेजा पर क्या हैं आरोप

छत्तीसगढ़ का कथित शराब घोटाला शराब उद्योग में भ्रष्टाचार के आरोपों से संबंधित है, जिसमें अधिकारियों और प्रभावशाली पदाधिकारियों को शामिल किया गया है। ईडी के अनुसार, 2019 और 2022 के बीच कुछ अनियमितताएं सामने आईं जब राज्य संचालित शराब रिटेलर सीएसएमसीएल के अधिकारियों ने डिस्टिलर्स से रिश्वत ली। पिछले साल जुलाई में, जांच एजेंसी ने मामले में एक चार्जशीट दाखिल की। जिसमें दावा किया गया कि 2019 में शुरू हुए कथित ‘शराब घोटाले’ में 2,161 करोड़ का धन भ्रष्टाचार से जनरेट हुआ था।

ईडी के अनुसार, यह पैसा राज्य की तिजोरी में जाना चाहिए था। एजेंसी ने यह भी दावा किया कि अनवर ढेबर और अनिल टुटेजा के नेतृत्व वाले लीकर सिंडिकेट ने छत्तीसगढ़ में बेची गई शराब की ‘हर एक’ बोतल से अवैध रूप से पैसा कलेक्ट किया। सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में अपनी पिछली एफआईआर को रद्द कर दिया था जो आयकर विभाग की शिकायत पर आधारित थी। इसके बाद 10 अप्रैल को ईडी ने शराब घोटाला मामले में एक नया मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया। खास बात यह है कि लेटेस्ट केस जांच एजेंसी को आरोपों की फिर से जांच करने की इजाजत देता है।