आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने में जेएसपी की अहम भूमिका: नवीन जिंदल

  • 75वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर जेएसपी में चेयरमैन नवीन जिंदल ने फहराया तिरंगा

रायगढ़, 27 जनवरी 2024। देश का 75वां गणतंत्र दिवस जिंदल स्टील एंड पाॅवर के रायगढ़ संयंत्र में उत्साह के साथ मनाया गया। कंपनी के चेयरमैन नवीन जिंदल ने ध्वजारोहण कर सुरक्षाकर्मियों की परेड की सलामी ली। इस अवसर पर अपने उद्बोधन में उन्होंने कहा कि जेएसपी एक जिम्मेदार संस्था है, जो राष्ट्र निर्माण के लिए कटिबद्ध है। बाबूजी श्री ओपी जिंदल ने रायगढ़ में इस कारखाने के रूप में एक पौधा लगाया था, जो आज आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

जिंदल स्टील एंड पाॅवर के रायगढ़ संयंत्र में गणतंत्र दिवस का मुख्य समारोह परिसर स्थित पोलो मैदान में आयोजित किया गया। समारोह में चेयरमैन नवीन जिंदल ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों, संविधान निर्माताओं और शहीदों को नमन करते हुए कहा कि ‘भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में रायगढ़ का महत्वपूर्ण स्थान है। यही वह पवित्र भूमि है, जहां अपने राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे को सरकारी तंत्र से आजाद कराने का संघर्ष शुरू हुआ था। 23 जनवरी 2004 को सुप्रीम कोर्ट ने रोज तिरंगा फहराने का जो अधिकार हमें दिया, उसके दो दशक पूरे हो गए है। यह गर्व का विषय है कि इन 20 वर्षों में देश काफी आगे बढ़ा है और कोने-कोने में विशाल तिरंगे लहरा रहे हैं। कृषि, उद्योग, विज्ञान से लेकर खेलों तक हमारे युवा नए रिकाॅर्ड बना रहे हैं और ऐसी प्रतिभाएं सामने आ रही हैं, जिन्होंने भारतमाता का मस्तक गर्व से ऊंचा किया है।

हमारा देश आज पूरी दुनिया को शांति की नयी राह दिखा रहा है, तो इसकी प्रेरणा का प्रतीक हमारा तिरंगा ही है। उन्होंने जेएसपी परिवार के सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि ’किसी भी संगठन की सफलता के पीछे लोग होते हैं। जेएसपी की कामयाबी के पीछे भी यहां काम कर रहे लोग ही हैं। यह गर्व की बात है कि जेएसपी को इंटरनेशनल ईपीडी सर्टिफिकेशन फाॅर ग्रीन स्टील मिला है, जिससे पूरी दुनिया में यह प्रमाणित हुआ है कि जेएसपी लो-एमिशन स्टील का उत्पादन कर रहा है। जेएसपी समूह ने देश में 1 लाख करोड़ रूपये से अधिक का निवेश कर 3 लाख से अधिक लोगों को रोजगार का अवसर प्रदान किया है। हमारा लक्ष्य इस वर्ष के अंत तक 15 मिलियन टन और वर्ष 2030 तक 30 मिलियन टन स्टील उत्पादन क्षमता हासिल करना है। कंपनी 2047 तक नेट जीरो एमिशन हासिल करने के लिए भी प्रयासरत है।

क्लीन कोल टेक्नालाॅजी के तहत सीजीपी-डीआरआई रूट से इस्पात उत्पादन की जो पहल जेएसपी ने की है, उससे कंपनी का अंगुल संयंत्र मिसाल बन गया है। अब कंपनी अन्य संयंत्रों में भी यह तकनीक उपयोग करने की योजना बना रही है। कार्बन फुट प्रिंट घटाने के उद्देश्य से कंपनी 40 प्रतिशत से अधिक स्टील का उत्पादन इलेक्ट्रिक आर्क फर्नेस के माध्यम से कर रही है।’ श्री जिंदल ने अपने उद्बोधन में कहा कि ’जेएसपी ने नारी शक्ति योजना शुरू की है। इसके तहत इच्छुक महिलाओं को तकनीकी कौशल और सुरक्षा मानकों का प्रशिक्षण देकर ऐसी जिम्मेदारियां दी जाएंगी, जिन्हें अब तक मुख्य रूप से पुरूष निभाते आए हैं। रायगढ़ में इस पहल के तहत 20 महिला प्रशिक्षु रखी गयी हैं, जिन्हें सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पूरा करने के बाद क्रेन आपरेटर की जिम्मेदारी दी जाएगी।

संयंत्र के डीआरआई-2, एसपीएम, एसएमएस, रेल मिल और एसएसडी यूनिट ने उत्पादन के नए कीर्तिमान बनाए हैं। डिस्पैच में भी प्रगति हुई है। गर्व की बात है कि रायगढ़ की रेल मिल को एमआरएस रेल कांफ्रेंस में सर्वश्रेष्ठ रेल निर्माता-2023 घोषित किया गया।’ श्री जिंदल ने समूह के अंगुल, पतरातू, बड़बिल, टेन्सा, तमनार, रायपुर सहित अन्य संयंत्रों की उपलब्धियों के बारे में भी अपने उद्बोधन में जानकारी दी। श्री जिंदल ने कहा कि ’श्रीमती शालू जिंदल के नेतृत्व में जेएसपी फाउंडेशन लोगों के जीवनस्तर को बेहतर बनाने के लिए जुटा हुआ है। स्वास्थ्य, शिक्षा, आजीविका, कौशल विकास, महिला सशक्तिकरण, गरीबों और जरूरतमंदों को सहयोग सहित विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से देशभर में 1 करोड़ से अधिक लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए जेएसपी फाउंडेशन काम कर रहा है। बेघरों को घर देने के लिए आशियाना योजना के तहत 521 लोगों को अपना घर बनाने के लिए सहयोग किया गया है।

80 लाख से अधिक लोगों तक आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएं, पेयजल और स्वच्छता के साधन पहुंचाए हैं। किशोरी एक्सप्रेस के माध्यम से जेएसपी फाउंडेशन ने 8 लाख से अधिक बेटियों को स्वस्थ बनाया है। मिशन जीरो हंगर के तहत जेएसपी फाउंडेशन ने 70 लाख भोजन की थाली जरूरतमंदों तक पहुंचायी है और इसे 1 करोड़ से अधिक लोगों तक पहुंचाने का लक्ष्य है। चिरंजीवी योजना के तहत 10 हजार से अधिक कुपोषित बच्चों को पौष्टिक आहार दिया जा रहा है। तमनार स्थित जिंदल चिल्ड्रन होम सहित देश के 15 चिल्ड्रन होम में हम 1 हजार से अधिक उन बच्चों का पालन-पोषण कर रहे हैं, जिनके माता-पिता का निधन कोविड के कारण हो गया था।

ओडिशा, नयी दिल्ली और उत्तर प्रदेश में जेएसपी फाउंडेशन एक हजार से अधिक वरिष्ठ नागरिकों की सेवा कर रहा है। जल्दी ही रायगढ़ में भी जिंदल अपना घर का निर्माण पूरा हो जाएगा। इसमें 150 वरिष्ठ नागरिकों के बेहतर जीवन की व्यवस्था की जा रही है। यशस्वी योजना के माध्यम से 10 हजार युवतियों को सशक्त बनाने का प्रयास हो रहा है। इनमें से 2 हजार बेटियों को रोजगार भी मिल चुका है। जिंदल आशा के माध्यम से 5 हजार से अधिक दिव्यांग बच्चों के पुनर्वास का प्रयास किया जा रहा है। यह गर्व की बात है कि ढाका में होने जा रहे विशेष बच्चों के ओलिंपिक के लिए जिंदल आशा केंद्रों के अनेक बच्चों का चयन किया गया है।’