Raigarh News : मार्कफेड के पूर्व मैनेजर को पांच साल की सजा, रायगढ़ में भी लंबे समय तक थे पदस्थ, जांजगीर की विशेष अदालत ने सुनाई सजा, आय से अधिक संपत्ति

रायगढ़, 23 अगस्त। धान खरीदी और खाद भंडारण में कितना बड़ा खेल होता है, इसका उदाहरण मार्कफेड के एक कर्मचारी की आय से अधिक संपत्ति को देखकर पता चलता है। करीब साढे तीन करोड की बेनामी संपत्ति भी पाई गई थी । विशेष न्यायाधीश एसीबी जांजगीर ने मार्कफेड के पूर्व मैनेजर रामरतन पांडेय को पांच साल कठोर कारावास के साथ पांच लाख का अर्थदंड भी लगाया है।

मिली जानकारी के मुताबिक पांडेय रायगढ़ जिले में भी लंबे समय तक पदस्थ रहे हैं। एंटी करप्शन ब्यूरो ने रायगढ़ समेत कई जिलों में पदस्थ रहे मार्कफेड के पूर्व मैनेजर रामरतन पांडेय पर कार्रवाई की थी। आय से अधिक संपत्ति मामले में छापेमारी की गई थी। इस प्रकरण में एसीबी विशेष न्यायाधीश जांजगीर ने पांच साल की सजा सुनाई है। मिली जानकारी के मुताबिक वर्ष 19-20 तक रामरतन पांडेय की पदस्थापना खरसिया संग्रहण केंद्र में थी, जहां धान में भारी कमी आई थी।

एसीबी ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में जांच की तो पता चला कि पदस्थापना के दौरान रामरतन पांडेय पिता भागवत प्रसाद पांडेय ने ज्ञात स्रोतों से कहीं ज्यादा चल-अचल संपत्ति बना ली थी। छापेमारी में गहने, नकदी, जमीन के दस्तावेज मिले। प्रथम दृष्ट्या संपत्ति की कुल कीमत करीब साढ़े तीन करोड़ आंकी गई थी। फिलहाल पांडेय मार्कफेड जांजगीर-चांपा में वरिष्ठ सहायक के पद पर हैं। उन पर पांच लाख का अर्थदंड भी लगाया गया है।

संग्रहण केंद्रों से बनाए करोड़ों
रायगढ़ जिले के पांचों संग्रहण केंद्रों में हुए गड़बड़झाले पर कभी कार्रवाई ही नहीं की गई। हर साल करोड़ों का धान पांच संग्रहण केंद्रों में शॉर्टेज होता था। संग्रहण केंद्र प्रभारियों ने करोड़ों के वारे- न्यारे किए हैं। सरकार को नुकसान पहुंचाकर निजी संपत्तियां बनाई गईं।